संगम तट पर लेटे हुए हनुमान मंदिर के पास बांध पर बने राधाकृष्ण गोपाल मंदिर में ”जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय” की कहावत चरित्रार्थ हुई है। दरअसल, लक्ष्मी नारायण मंदिर की तीसरी मंजिल गुरु पूर्णिमा की रात करीब 2.30 बजे गिर गई थी।

roof of Radha-Krishna temple on the banks of Sangam collapsed, the priest narrowly escaped

संगम तट पर लेटे हुए हनुमान मंदिर के पास बांध पर बने राधाकृष्ण गोपाल मंदिर में ”जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय” की कहावत चरित्रार्थ हुई है। दरअसल, लक्ष्मी नारायण मंदिर की तीसरी मंजिल गुरु पूर्णिमा की रात करीब 2.30 बजे गिर गई थी। इससे राधा कृष्ण गोपाल मंदिर की छत टूट गई। इस दौरान मंदिर के पुजारी विष्णु दास त्यागी फंस गए थे। छत टूटकर उनके ऊपर गिर गई थी, लेकिन लोहे के एंगल ने गिरी छत को रोक रखा था। ऐसे में मध्य प्रदेश से आए कुछ श्रद्धालुओं ने पैर पकड़कर उन्हें धीरे-धीरे घसीटते हुए बाहर निकाला। सभी पुजारी विष्णु दास त्यागी को बाल-बाल बचने को भगवान की कृपा मान रहे हैं।

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