हर की पैड़ी पर दिव्य-भव्य-सुरक्षित अर्धकुंभ के नए संकल्पों के साथ संगम पर समाज और राष्ट्र की खुशहाली की कामना कर बृहस्पतिवार को संतों-भक्तों ने दुनिया के सबसे बड़े मानव समागम से विदाई ली।

Mahakumbh 2025 Farewell Next Stop Haridwar Ardh Kumbh 2027 Akharas to be Established for the First Time

 हर की पैड़ी पर दिव्य-भव्य-सुरक्षित अर्धकुंभ के नए संकल्पों के साथ संगम पर समाज और राष्ट्र की खुशहाली की कामना कर बृहस्पतिवार को संतों-भक्तों ने दुनिया के सबसे बड़े मानव समागम से विदाई ली। अब छह मार्च 2027 में हरिद्वार में अर्धकुंभ लगेगा। वहीं, 17 जुलाई 2027 को नासिक में कुंभ और 2028 में उज्जैन में पूर्ण कुंभ होगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सभी 13 अखाडों के साथ हरिद्वार में छावनी प्रवेश और अमृत स्नानों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुखिया महंतों, सचिवों और धर्मध्वजा रक्षकों का मनोनयन भी शुरू हो गया है। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के अर्धकुंभ में पहली बार अखाड़ों, नागा संन्यासियों के छावनी प्रवेश के साथ ही अमृत स्नान का निर्णय लिया है।

उत्तराखंड के सीएम धामी ने अखाड़ों को भेजा न्योता

पुष्कर ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि को वहां अखाड़ों को बसाने का न्योता भेज दिया है। मनसा देवी ट्रस्ट और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने बताया कि सीएम धामी का न्योता मिल गया है। श्रीपंच दशनाम जूना, निरंजनी, अटल, आनंद, अग्नि अखाड़े के संतों के अलावा बैरागी व उदासी परंपरा के अखाड़ों के साथ हरिद्वार अर्धकुंभ की बसावट का खाका खींच दिया गया है।

पहला अमृत स्नान महाशिवरात्रि पर छह मार्च 2027 को होने के साथ ही हरिद्वार में अर्धकुंभ का शुभारंभ होगा। आखिरी अमृत स्नान 14 अप्रैल को होगा। हरिद्वार में भी सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा अमृत स्नान के लिए जाएगा। इसी तरह सबसे पहले छावनी प्रवेश जूना अखाड़े के नागा संन्यासी करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand