तीसरे शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में सर्वाधिक उत्साह महाकुंभ के दौरान महामंडलेश्वर की पदवी पाने वाले संतों के कैंप में है। रविवार को उनके कैंप में भक्तों की भारी संख्या दिखी। महाकुंभ के दौरान शैव अखाड़ों ने 80 से अधिक संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी है।

सोमवार तड़के आखिरी अमृत स्नान के साथ अखाड़ों का कुंभ प्रवास पूर्ण हो जाएगा। इसके साथ अखाड़ों से जुड़े नागा संन्यासी वापसी की राह थाम लेेंगे। आखिरी अमृत स्नान को भव्य बनाने की सभी सात शैव, तीन अनी समेत उदासीन एवं निर्मल अखाड़े ने अपनी तैयारी पूरी कर ली। आचार्य महामंडलेश्वर के रथ को खास तौर से फूलों से सजाया गया है। तड़के से ही विशाल शोभायात्रा के साथ सभी अखाड़े अपनी-अपनी बारी से स्नान घाट पहुंचकर संगम की रेती पर सनातन का वैभव बिखेरेंगे।
तीसरे शाही स्नान को लेकर अखाड़ों में सर्वाधिक उत्साह महाकुंभ के दौरान महामंडलेश्वर की पदवी पाने वाले संतों के कैंप में है। रविवार को उनके कैंप में भक्तों की भारी संख्या दिखी। महाकुंभ के दौरान शैव अखाड़ों ने 80 से अधिक संतों को महामंडलेश्वर की उपाधि दी है। इनमें महंत वेदानंद गिरी, स्वामी रामानंद गिरि, महामंडलेश्वर विज्ञानानंद गिरि, साध्वी पुष्पांजलि गिरि, ज्योतिष आचार्य मंजू श्रीगिरि, पूर्णानंद गिरि, स्वामी काली चरण, श्रीनिवासन कार्तिकेयन नारायण, स्वामी बालयोगी विन्यानंद गिरि जैसे संत मुख्य रहे। महामंडलेश्वर की पदवी पाने के बाद यह संत पहली दफा यह संत राजसी ठाठ-बाट के साथ अमृत स्नान में हिस्सा लेंगे।
वहीं, तीसरे स्नान के साथ छावनी में कढ़ी-पकौड़ी के भोग के बाद संन्यासियों की रवानगी आरंभ हो जाएगी। अचला सप्तमी तक शैव अखाड़े काशी चले जाएंगे। बाबा विश्वनाथ से होली खेलने के साथ संन्यासियों का कुंभ पूर्ण होगा जबकि वैरागी अखाड़े समेत दोनों उदासीन एवं निर्मल अखाड़े के संत आखिरी स्नान के बाद ही अपने-अपने स्थान को रवाना हो जाएंगे।
अखाड़ों ने तीसरे अमृत स्नान की तैयारी पूरी कर ली है। अखाड़े पूरे राजसी वैभव के साथ तीसरे स्नान में हिस्सा लेंगे। साधु-संन्यासियों में इसको लेकर उत्साह है। – श्रीमहंत रविंद्र पुरी अध्यक्ष, अखाड़ा परिषद