संकट मोचन संगीत समारोह के दूसरे दिन वेदपाठी बटुकों ने सात सुरों का आनंद लिया। बता दें कि छह दिवसीय संगीत समारोह में सुर साधने देखने को मिलती है। काशी के बटुकों ने महावरी हनुमान के दरबार में सुरों को महसूस कर जयकारा लगाया।

हनुमान जयंती के उपलक्ष में संकट मोचन मंदिर में चल रहे छह दिवसीय संगीत समारोह के दूसरे दिन असि स्थित रामेश्वर मठ परिसर में संचालित स्वामीनाराणानन्द तीर्थ संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के बटुक भी मंदिर में पहुंचकर संगीत का आनंद लिया।
काशी धर्मपेठ रिजॉर्ट काशी धर्मपेठ राजस्थान जगतगुरु स्वामी नारायण मंदिर के उत्तराधिकारी शिष्य स्वामी लखन स्वरूप ब्रह्मचारी एवं रामेश्वर मैथ के प्रबंध डॉक्टर और मुनेश चंद्र दीक्षित के सानिध्य में सानिध्य संकट मोचन मंदिर पहुंचे बटुकों ने साथ और ऑन सात सुरों की इंद्रधनुष धारा में गोता लगाते रहे।
स्वामी लखन स्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा की हनुमान जी की कृपा एवं अखाड़ा गोस्वामी तुलसीदास जी के महंत प्रोफेसर विस्वम्भर नाथ मिश्र के आशीर्वाद से आज वेद पाठी बटुको को देश के ख्यातिलब्ध शास्त्रीय संगीत साधको की प्रस्तुति को देखने का मौका मिला।
मठ के प्रबंधक डॉक्टर वरुणेश चंद दीक्षित ने कहा कि भगवान शिव की नगरी काशी के संकट मोचन मंदिर में शास्त्रीय संगीत की है जो धारा बह रही है उसको देखने को सुनने का हम लोगों को भी मौका मिला यह हम हनुमान जी की कृपा व महंत जी के स्नेह से ही संभव हुआ है।