आचार्य महामंडलेश्वर ने बताया कि यह यज्ञ विश्व कल्याण के लिए चल रहा है। संगम की रेती पर एक आहूति का फल एक करोड़ आहूति के बराबर मिलता है। महायज्ञ का आरंभ बुधवार शुक्रवार से शुरू हो गया है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। अखाड़े के ब्रह्मचारी महायज्ञ, पूजा, पाठ, वंदना और आराधना कर रहे हैं। जब तक कुंभ चलेगा तब तक महायज्ञ होगा।

महाकुंभ में संगम की रेती पर लगे शंभू पंच अग्नि अखाड़े में गायत्री महायज्ञ शुरू हो गया है। यह महायज्ञ छावनी प्रवेश यात्रा के साथ ही शुरू हो गया है जो 26 फरवरी तक चल रहा है। काली मार्ग पर लगे शिविर में पंचअग्नि अखाड़े में वैदिक मंत्र गूंज रहे हैं। यह यज्ञ दिन में दो बार हो रहा है। सुबह साढ़े सात बजे से साढ़े नौ बजे तक और शाम को साढ़े चार बजे से सायं साढ़े सात बजे तक हवन चल रहा है। यह हवन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर संपूर्णानंद सरस्वती महाराज की देखरेख में चल रहा है। आचार्य महामंडलेश्वर ने बताया कि यह यज्ञ विश्व कल्याण के लिए चल रहा है। संगम की रेती पर एक आहूति का फल एक करोड़ आहूति के बराबर मिलता है। महायज्ञ का आरंभ बुधवार शुक्रवार से शुरू हो गया है, जो 26 फरवरी तक चलेगा। अखाड़े के ब्रह्मचारी महायज्ञ, पूजा, पाठ, वंदना और आराधना कर रहे हैं। जब तक कुंभ चलेगा तब तक महायज्ञ होगा। साथ ही अखाड़े में अनवरत अन्न क्षेत्र भी चल रहा है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाता है। महायज्ञ में जो प्रसाद मां गायत्री को भोग लगाया जाता है वह भोजन प्रसाद के रूप में श्रद्धालुओं को दिया जाता है, जो कि नि:शुल्क रहता है।