हरिद्वार कनखल स्थित श्री गुरु गोरखनाथ आश्रम में श्री गुरु गोरखनाथ अलख अखाड़े के अध्यक्ष परम पूज्य श्री संजीवन नाथ महाराज के पावन सानिध्य में गुरु श्री गोरखनाथ भगवान का प्रकटोउत्सव कार्यक्रम संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ,तथा सभी उपस्थित संतो तथा भक्तों को गुरु गोरखनाथ द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलने की शपथ दिलायी गई। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर जगदीश महाराज ने कहा, गुरु श्री गोरखनाथ भगवान ने जगत को हठयोग से ईश्वर को प्राप्त करने के साथ-साथ सूक्ष्म भक्ति से भी भगवान को प्राप्त करने का मार्ग दिखाया। इस अवसर पर बोलते हुए महामंडलेश्वर अनिल कृष्ण महाराज ने कहा, गुरु गोरखनाथ महाराज ने संपूर्ण विश्व में धर्म तथा संस्कृति की अलख जगायी तथा सनातन एवं संस्कृति को विश्व भर के कोने-कोने तक फैलाया साथ ही उन्होंने बताया की जिसकी ईश्वर में आस्था होती है ,ईश्वर उसके हृदय में वास करते हैं महामंडलेश्वर शंकर नाथ महाराज ने कहा गुरु गोरखनाथ भगवान भगवान शिव की तरह अजन्में है ,जो स्वयं निराकार है ।उन्होंने किसी माता के गर्भ से जन्म नहीं लिया उनका जन्म गोबर की कुड़ी से हुआ था इसीलिये उनका नाम गुरु गोरखनाथ पड़ा जो जन्मे ही नहीं वह जन्म जन्मांतर तक इस सृष्टि में विलीन है जब तक यह संसार है गुरु गोरखनाथ भगवान की कृपा सभी पर बनी रहेगी ।गुरु गोरखनाथ द्वारा दिखाये गये मार्ग पर चलो वही भक्ति मार्ग है और वही मुक्ति मार्ग है महामंडलेश्वर निरंजन नाथ महाराज ने कहा इस सृष्टिमें दो ही ऐसे अवतार हुए जिनका जन्म माता के गर्भ से नहीं हुआ एक भगवान भोलेनाथ दूसरे श्री गुरु गोरखनाथ भगवान दोनों ही अजर है अमर है और जो सच्चे मन से पुकारता है, गुरु गोरखनाथ आज भी उसकी पुकार सुनते हैं ।अखाड़े के अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ महाराज ने कहा इस सृष्टि में संतों की संगत सेवा से बड़ा कोई पुण्य नहीं संतों का मार्गदर्शन सभी के लिये कल्याणकारी और परम आनंदकारी होता है। इस पृथ्वी पर सतगुरु देव ही ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में अवतरित होते हैं ।जो अपने ज्ञान के संवर्धन के माध्यम से हमारे मानव जीवन को सार्थक कर देते हैं। आज गुरु गोरखनाथ मा भगवान की जन्म जयंती के अवसर पर अखाड़े द्वारा एक विशाल संत भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें कई सौ संत महापुरुषों ने भोजन प्रसाद ग्रहण किया साथ ही गरीब दरिद्र नारायण को भी अंग वस्त्र तथा समर्थ अनुसार दक्षिण प्रदान की गई ।अखाड़े की भविष्य की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ महाराज ने कहा इस वर्ष हम सवा लाख सदस्य अखाड़े से जोड़ेंगे जो विश्व भर में सनातन धर्म और संस्कृति का प्रचार प्रसार करेंगे। तथा भारतीय प्राचीन सभ्यता एवम संस्कृति का महत्व सभी को प्रदर्शित करेंगे। आज के इस भव्य दिव्य कार्यक्रम में महामंडलेश्वर जगदीश जी महाराज महामंडलेश्वर अनिल कृष्ण जी महाराज महामंडलेश्वर अनिल नाथ जी महाराज महामंडलेश्वर निरंजन नाथ जी महाराज एवं महामंडलेश्वर शंकर नाथ जी महाराज का विशेष मार्गदर्शन तथा सहयोग रहा।