वाराणसी। बनखंडी साधुबेला पीठाधीश्वर आचार्य गौरीशंकर दास महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम की जीवनयात्रा मानवता का आधार है। शबरी के बेर, केवट से मंत्रणा, बानर सुग्रीव का सहयोग, जटायु के प्रति संवेदनशीलता, ऐसे अनेक उदाहरण हैं जिनका मनन और चिंतन करने से हम समस्याओं से छुटकारा पा सकते हैं। भदैनी स्थित बनखंडी साधुबेला के आठवें पीठाधीश्वर परिव्राजकाचार्य हरिनामदास महाराज की 144वीं जयंती महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को अखंड रामचरित मानस परायण के शुभारंभ पर वह प्रवचन कर रहे थे। कहा कि मानस का पाठ हृदय को शुद्ध करता है। मानस मन और स्वभाव को विकार रहित रहने का मंत्र देता है। इसका श्रवण करने मात्र से जीवन से दोष का शमन होता है। इस दौरान गुरु चरणपादुका पूजन के साथ ही मानस पोथी की पूजा हुई। आचार्य गौरीशंकर दास महाराज ने गुरुचरण पादुका का पूजन कर अभिषेक किया। पोथी पूजन में महंत लक्ष्मण दास, हरिहरानंद तीर्थ, रामेश्वरानंद, अतुलानंद, केशव दास, दीपक अग्रवाल, पवन जाजोड़िया, विष्णु मौर्या, सुरेंद्र पांडेय आदि रहे। अखंड पाठ की पूर्णाहुति बुधवार को होगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे बनखंडी महादेव मंदिर में भंडारा होगा।

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