वृंदावन आने वाले कृष्ण भक्तों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है, लेकिन सप्त देवालय तक इनकी पहुंच निरंतर कम होती जा रही है। इसके लिए यहां सप्त देवालय सर्किट विकसित किया जाएगा।

वृंदावन में श्रीबांकेबिहारी के दर्शन की अभिलाषा लेकर वृंदावन आने वाले भक्त अब सप्त देवालयों तक सुगमतापूर्वक पहुंच सकेंगे। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने वृंदावन में सप्त देवालय सर्किट विकसित करने की योजना तैयार की है।
वृंदावन के सप्त देवालय भगवान श्री राधा-कृष्ण के प्राचीन मंदिर हैं, जो बिहारीजी मंदिर के आसपास स्थित हैं। यह सभी मंदिर वृंदावन की प्राचीन, एतिहासिक, धार्मिक धरोहर के रूप में मौजूद हैं। इसमें कुछ मंदिर एएसआई के अधीन भी हैं। भले ही वृंदावन आने वाले कृष्ण भक्तों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है, लेकिन सप्त देवालय तक इनकी पहुंच निरंतर कम होती जा रही है।
अति निकट होने के बाद भी श्रद्धालु यहां तक नहीं पहुंच पाते हैं। इस स्थिति को ही बदलने के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने सप्त देवालय सर्किट के विकास की योजना तैयार की है। फिलहाल सप्त देवालय के पहुंच मार्ग को नया रूप दिया जाएगा। इस योजना के तहत 18 करोड़ की लागत से विकास कार्य होंगे। सप्त देवालय सर्किट के रूप में 3 किलोमीटर का मार्ग बनाया जाएगा। इन मार्गों पर दर्शनार्थियों के लिए पारंपरिक शैली के साइन बोर्ड, शौचालय, पेयजल सुविधा के साथ विश्राम स्थल का भी विकास किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के सीईओ श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि वृंदावन सप्त देवालय सर्किट के विकास की योजना बनाई है। इसमें मंदिरों से जुड़े मार्ग सहित अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। योजना है कि श्रीबांकेबिहारीजी के दर्शन के साथ लोग आसपास के मंदिरों के दर्शन के लिए सुगमता पूर्वक पहुंच सकें। साथ ही भीड़ का दबाव भी इससे कम होगा।
ये हैं वृंदावन के सप्त देवालय
1. श्री गोविंद देव जी मंदिर: टीलेनुमा स्थल पर स्थित, जो सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है, यह लाल पत्थर से बना हुआ है। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
2. श्री मदन मोहन मंदिर: यह मंदिर भी लाल पत्थर से बना हुआ है, जो बिहारी जी मंदिर के बेहद निकट है। यह मंदिर वृंदावन के सबसे ऊंचे टीले पर स्थापित है।
3. श्री गोकुलानंद जी मंदिर: यह मंदिर गोकुलानंद गोस्वामी द्वारा स्थापित किया गया है। इसीलिए इसका नाम गोकुलानंद जी मंदिर पड़ा।
4. श्री गोपीनाथ जी मंदिर: यह मंदिर वृंदावन के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है, जिसमें राधारानी और भगवान कृष्ण विराजमान हैं।
5. श्री राधा श्याम सुंदरजी मंदिर: यह मंदिर वृंदावन में राधा और कृष्ण की प्रेम लीलाओं का बखान करता है।
6. श्री राधा दामोदर जी मंदिर: यह मंदिर छह गोस्वामियों में से एक श्रीरूप गोस्वामी द्वारा स्थापित किया गया था।
7. श्री राधा रमण मंदिर: इस मंदिर में श्री राधारमणजी विराजमान हैं। ये शालिग्राम शिला से प्रकट हुए हैं।