इस वर्ष 6 जून 2025 को ‘निर्जला एकादशी’ है। इस दिन हस्त नक्षत्र और व्यतीपात योग का संयोग बन रहा है।

वैसे तो रोजाना घरों में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है परंतु विशेष कृपा प्राप्ति के लिए एकादशी तिथि उत्तम है। इस दिन प्रभु की उपासना और उपवास रखने से साधक के दुखों का अंत और जीवन में खुशियों का वास होता है। एकादशी व्रत हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर रखा जाता है। इसलिए भक्तों को माह में दो बार भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने का अवसर मिलता है। हालांकि इन सभी में ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि इस दिन ‘निर्जला एकादशी’ का व्रत रखा जाता है।
चूंकि ज्येष्ठ महीना भीषण गर्मी और लू के लिए जाना जाता है इसलिए निर्जला व्रत रखना और भी कठिन होता है। इसके अलावा व्रत में फल, अन्न और जल ग्रहण करने की सख्त मनाही होती हैं। इस वर्ष 6 जून 2025 को ‘निर्जला एकादशी’ है। इस दिन हस्त नक्षत्र और व्यतीपात योग का संयोग बन रहा है। ऐसे में श्रीहरि की पूजा करने के साथ-साथ विष्णु चालीसा का पाठ करने से सभी इच्छाएं पूरी और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।