भगवान बदरीनाथ के कपाट आज बंद होंगे। चारधाम के शीतकालीन पूजा स्थलों के तहत भगवान केदारनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ, बदरीनाथ की पूजा पांडुकेश्वर (योगध्यान बद्री मंदिर), गंगोत्री स्थित मां गंगा की पूजा मुखबा में और यमुनोत्री स्थित मां यमुनोत्री की पूजा-अर्चना खरसाली में होगी। 

Badrinath Dham doors closed today for winter season Now worship will be held in Narsingh temple for six months

बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए आज बंद कर दिए जाएंगे। इससे पहले सोमवार को बदरीनाथ मंदिर में पंच पूजाओं के तहत माता लक्ष्मी मंदिर में कढ़ाई भोग का आयोजन किया गया। बदरीनाथ के मुख्य पुजारी अमरनाथ नंबूदरी ने माता लक्ष्मी को बदरीनाथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया।

आज मंगलवार को 2 बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। मंदिर को करीब दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है। 21 नवंबर से बदरीनाथ धाम में पंच पूजाएं शुरू हो गई थीं। गणेश मंदिर, आदि केदारेश्वर व आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल के कपाट बंद होने के बाद मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन भी बंद हो गया है। सोमवार को माता लक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजाएं आयोजित की गईं।

रावल (मुख्य पुजारी) ने माता लक्ष्मी मंदिर में जाकर उन्हें बदरीनाथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया। बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद छह माह तक माता लक्ष्मी मंदिर परिक्रमा स्थल पर स्थित मंदिर में विराजमान रहती हैं।

अब शीतकाल के लिए 25 नवंबर को दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को करीब दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर में 5000 से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।

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