काशी की शिवरात्रि हर साल आकर्षक होती है, लेकिन इस बार की शिवरात्रि और भी खास होगी। शिव बरात में सौ से अधिक झांकियां होंगी। इस दौरान महंगाई और बेरोजगारी की झांकी भी सजेगी। वहीं रामदरबार के साथ बाबा के गण होली खेलेंगे।

भूतभावन भगवान शंकर की नगरी काशी में महाशिवरात्रि पर निकलने वाली शिव बरात में पहली बार विभिन्न राज्यों की होली के रंग बिखरेंगे। बाबा के गण होंगे और रामदरबार की झांकी सजेगी। देवगणों के साथ भूत, प्रेत, पिशाच, बैताल भी बाबा की बरात में मगन होकर थिरकेंगे। झांकी में सौ से अधिक लाग विमान होंगे। झांकियों से महंगाई और बेरोजगारी को भी दर्शाया जाएगा। महाशिवरात्रि आठ मार्च को है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह हुआ था। महाशिवरात्रि पर शहर से लेकर गांव तक शिव बरात निकाली जाएगी। शहर में निकलने वाली तीन प्रमुख बरात की थीम अलग अलग है। शिव बरात समिति की ओर से महामृत्युंजय महादेव मंदिर दारानगर से चितरंजन पार्क तक निकाली जाएगी। इसकी थीम विभिन्न राज्यों की होली है। समिति के संस्थापक महासचिव एवं संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि काशी की होली अलग होती है। लेकिन, इस बार काशीवासियों को काशी के अलावा दूसरे शहरों की भी होली के रंग देखने को मिलेंगे।
काशी की दिखेगी मौजमस्ती
शिव बरात में काशी की मौजमस्ती भी दिखेगी। लोग भांग बूटी छानेंगे तो ठंडई का लुत्फ उठाते नजर आएंगे। दिलीप सिंह ने बताया कि काशी की पहचान को कायम रखने के लिए बरात में बनारसी अंदाज और मौजमस्ती को शामिल किया जाएगा। 43 सालों से दारानगर से निकलने वाली शिव बरात निकाली जा रही है। यह काशी पहली शिवोत्सव है।