महाकुंभ में पहुंची देवसेना तीर्थयात्रियों को सनातन धर्म के देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र से परिचित करा रही है। शस्त्र रखने की इच्छा जताने वालों को विधि-विधान से देवी-देवताओं के शस्त्रों को धारण भी कराया जा रहा है। रोजाना 15 से 20 हजार श्रद्धालु देवसेना के शिविर में पहुंचकर शस्त्रों का ज्ञान ले रहे हैं।

संगम के तट पर अध्यात्म के साथ ही सनातन की शिक्षा भी तीर्थयात्रियों को मिल रही है। पंजाब और हरियाणा में सक्रिय देवसेना महाकुंभ में तीर्थयात्रियों को शास्त्र के साथ ही शस्त्र के बारे में भी जागरूक कर रही है। वहीं, इन्हें शस्त्रों से लैस भी कर रही है। पांच मिनट की पूजा के बाद शस्त्र धारण की प्रक्रिया कराई जा रही है। इसके साथ ही हर सनातनी से घर में अस्त्र-शस्त्र रखने का आह्वान भी किया जा रहा है। महाकुंभ में पहुंची देवसेना तीर्थयात्रियों को सनातन धर्म के देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र से परिचित करा रही है। शस्त्र रखने की इच्छा जताने वालों को विधि-विधान से देवी-देवताओं के शस्त्रों को धारण भी कराया जा रहा है। रोजाना 15 से 20 हजार श्रद्धालु देवसेना के शिविर में पहुंचकर शस्त्रों का ज्ञान ले रहे हैं। ज्ञान के साथ ही शस्त्रों को चलाने के प्रशिक्षण का भी इंतजाम किया गया है।
50 लोगों के समूह के लिए देवसेना की ओर से प्रशिक्षक का भी इंतजाम किया गया है। झूंसी में लगाए गए शिविर के जरिये देवसेना के कार्यकर्ता तीर्थयात्रियों को सनातन धर्म में शास्त्र के साथ शस्त्र के महत्व को समझा रहे हैं। शिविर के बाहर हिंदू देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र कृपाण, तलवार, भाला, कुल्हाड़ी को प्रदर्शन के लिए रखा गया है। शिविर में अस्त्र-शस्त्र के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए लोगों की भीड़ भी जुट रही है।