शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा जो लोग मुसलमानों के मेले में प्रवेश को रोकने की बात करते हैं, उन्हें नहीं पता है कि आर्य समाज के लोग भी तो गंगा स्नान से परहेज करते हैं। अन्य दिनों में वह भले ही गंगा स्नान कर लें लेकिन पर्व के दिनों में वह गंगा स्नान से बचना चाहते हैं।

Shankaracharya Nischalanand said: Demand for ban on Muslims coming to Mahakumbh with faith is unfair

गोवर्धनमठ पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा है कि मुसलमान अगर आस्था पूर्वक महाकुंभ में आते हैं और मर्यादा का अतिक्रमण नहीं करते हैं तो उन पर प्रतिबंध लगाना अनुचित है। उन्होंने यह बातें धार्मिक व्यक्तियों और संगठनों की ओर से उठी मांग पर कहीं। शंकराचार्य ने मंगलवार को झूंसी स्थित शिवगंगा आश्रम में पत्रकार वार्ता में कहा कि यह मांग मक्का-मदीना में हिंदुओं को प्रवेश नहीं दिए जाने की प्रतिक्रिया है। मुसलमान व्यापार और प्रसाद आदि का काम कुंभ, महाकुंभ में करते हैं। रहीम, रसखान और वैज्ञानिक व पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी तो मुसलमान थे। विचार करना चाहिए कि क्या इनके जैसे आस्थावान मुसलमानों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जो लोग मुसलमानों के मेले में प्रवेश को रोकने की बात करते हैं, उन्हें नहीं पता है कि आर्य समाज के लोग भी तो गंगा स्नान से परहेज करते हैं। अन्य दिनों में वह भले ही गंगा स्नान कर लें, लेकिन पर्व के दिनों में वह गंगा स्नान से बचना चाहते हैं। कुंभ आदि को नहीं मानते हैं। दयानंद स्वामी ने लिखा है कि सनातनियों ने इस तरह के मेले का ढोंग रचा है।

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