वैष्णो देवी या श्री माता वैष्णो देवी मंदिर, हिन्दू मान्यता अनुसार, माँ आदिशक्ति दुर्गा स्वरूप माँ वैष्णो देवी जिन्हे त्रिकुटा और वैष्णवी नाम से भी जाना जाता है, देवी को समर्पित मुख्य पवित्रतम हिन्दू मंदिरों में से एक है, जो भारत केेे जम्मू और कश्मीर के जम्मू सम्भाग में त्रिकुट पर्वत पर स्थित है।मान्यता है कि माता वैष्णो देवी ने त्रेता युग में माता पार्वती, सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में मानव जाति के कल्याण के लिए एक सुंदर राजकुमारी का अवतार लिया था। उन्होंने त्रिकुटा पर्वत पर तपस्या की थी। बाद में उनका शरीर तीन दिव्य ऊर्जाओं महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के सूक्ष्म रूप में विलीन हो गया।मंदिर करीब 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है

मंदिर पर चढ़ाई के लिए यदि कोई पिट्ठू, खच्चर या हेलीकॉप्टर का सहारा लेता है, तो उसे अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं। साथ ही 12 किलोमीटर की यात्रा करने में करीब 12 घंटे भी लग जाते हैंकब जाएं वैष्णो देवी? वैसे तो वैष्णो देवी की यात्रा पूरे साल खुली रहती है लेकिन गर्मियों में मई से जून और नवरात्रि के दौरान यहां सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। नवरात्र के 9 दिन यहां की रौनक देखते ही बनते है। इस दौरान कटरा में भी बड़े जागरण का आयोजन किया जाता है।वैष्णो देवी में सती माता का गंडस्थल यानी कनपटी गिरा था। गंडस्थल को मस्तक का ऊपरी हिस्सा भी कहा जाता है। यह वैष्णो देवी मंदिर के गर्भगृह में स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान शिव की पत्नी सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में आत्मदाह कर लिया, तो भगवान शिव क्रोधित हो गए और उन्होंने अपना त्रिशूल फेंका।यहां से माता के मंदिर जाने के लिए 900 सीढ़ियां चढ़नी होती हैं।वैष्णो देवी जाने से पहले आपको रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी होता है। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आप रास्ते में आने वाली जगह कटरा में मौजूद चेक पोस्ट पर जाकर वैष्णो देवी के लिए रजिस्टर कर सकते हैं। बता दें कि आपको रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं देना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand