भस्म आरती में राम नाम का दुपट्टा और पगड़ी पहनाकर बाबा महाकाल के दिव्य स्वरूप के भक्तों को करवाए गए दर्शन।

पौष शुक्ल पक्ष की अष्टमी गुरुवार पर आज भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का एक अलग ही स्वरूप में शृंगार किया गया। इस दौरान पहले बाबा महाकाल का वैष्णव तिलक लगाकर शृंगार हुआ। फिर भस्म रमाई गई और उसके बाद में राम नाम का दुपट्टा और पगड़ी पहनाकर बाबा महाकाल के इस दिव्य स्वरूप के भक्तों को दर्शन करवाए गए। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में गुरुवार सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही मंदिर में सर्वप्रथम पुजारी और पुरोहितों ने भगवान श्री गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय और बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया। इसके बाद कपूर आरती की गई। जिसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से किया गया और भगवान को वैष्णव तिलक लगाकर श्रृंगारित करने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर महानिवार्णी अखाड़े की ओर से बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को राम नाम का दुपट्टा और आभूषण भी पहनाए गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को राम नाम का दुपट्टा और आभूषण भी पहनाए गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया। जिससे पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।