गौरैया के संरक्षण के लिए गंगा तट पर जागरूकता के लिए नमामि गंगे की टीम ने जागरूकता का संदेश दिया। बता दें कि पर्यावरण की रक्षा और इसके साथ में गौरैया संरक्षण का संदेश प्रसारित होता दिखाई दिया।

आधुनिकता की दौड़ एवं मोबाइल टॉवरों के रेडिएशन से विलुप्त हो रही गौरैया के संरक्षण के लिए गंगा द्वार पर नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक व नगर निगम के स्वच्छता ब्रांड एंबेसडर राजेश शुक्ला के संयोजन में गौरैया की तस्वीर लेकर इटली के पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों ने गौरैया व पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को प्रेरित किया।
पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हुए घर आंगन से विलुप्त हो रही गौरैया की घर वापसी के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया। बता दें कि आधुनिकता की दौड़, पक्के घर और घरों की छत पर सुरक्षा के लगवाए जाने वाले जाल, मोबाइल टॉवरों के रेडियशन, फलों एवं सब्जियों, अनाज में प्रयुक्त होने वाले कीटनाशक से पर्यावरण संतुलन में बड़ी भूमिका का निर्वहन करने वाली गौरैया को नुकसान पहुंच रहा है।
उन्होंने आग्रह किया कि गर्मियां शुरू हो गई हैं। सभी को चाहिए कि छत पर दाना-पानी रखें, घरों में लॉन एवं बगीचा में लगे पेड़-पौधों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव न करें। रसोई में बचे खाद्य, भोजन आदि को फेंकने की जगह खुली जगह पर बिखेर दें। घर की छतों पर अनाज के दाने बिखेरने की परंपरा हम भूल चुके हैं, उसे फिर से अपनाने की जरूरत है ।