महाकुंभ मेले की तिथि बढ़ाने की अफवाहों का प्रयागराज के जिलाधिकारी रविंद्र मांदड़ ने खंडन किया है। कहा कि महाकुंभ मेले का समापन अपनी निर्धारित तिथि 26 फरवरी को ही होगा। मुहूर्त के हिसाब से तय होता है। महाकुंभ में स्नानार्थियों की उमड़ रही भीड़ को देखते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से मेले को आगे बढ़ाने की मांग उठाने को जिलाधिकारी रवींद्र मांदड़ ने खारिज कर दिया है। 

डीएम ने कहा है कि अफवाहों पर ध्यान न दें, महाकुंभ आगे नहीं बढ़ने वाला। वहीं, संतों का भी कहना है कि मेले का आयोजन श्रद्धालुओं की संख्या से नहीं, बल्कि विशेष तिथियों से होता है।

26 फरवरी को आखिरी स्नान के साथ होगा समापन
महाकुंभ मेला पौष पूर्णिमा स्नान के साथ 13 जनवरी से आरंभ हुआ था। 45 दिन बाद महाशिवरात्रि (26 फरवरी) को आखिरी स्नान के साथ इसका औपचारिक समापन हो जाएगा। हालांकि, 18 फरवरी तक ही 55 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं। अभी भी जैसी भीड़ उमड़ रही है, उसे देखते हुए मेला बढ़ाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। संसद में अखिलेश यादव ने यह मांग उछालकर इसे और हवा दे दी है।

हालांकि, महाकुंभ के मेलाधिकारी विजय किरन आनंद का कहना है कि मेले का औपचारिक समापन महाशिवरात्रि को हो जाएगा। लेकिन, संगम और परेड ग्राउंड में सुरक्षा, बिजली, पानी, चकर्ड प्लेट युक्त रास्ता और पार्किंग की सुविधाएं इसके बाद भी रहेंगी। इन्हें हटाने में करीब एक महीना लगेगा। इस दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को इनकी सुविधा उपलब्ध रहेगी। 

जगतगुरु श्रीस्वामी महेशाश्रम महाकुंभ का महात्म्य विशेष तिथियों के साथ समझाते हैं। बताते हैं, महाकुंभ का विधान ग्रह-नक्षत्रों से तय होता है। सूर्य के मकर राशि से बाहर आने पर महाकुंभ पूर्ण हो जाता है। साधु-संतों की तय तिथियों का ही मोल है, आगे-पीछे का नहीं। 

निजी टेंट सिटी में बुकिंग जारी, पर्यटन निगम में 26 तक ही : पर्यटन निगम की ओर से बनाई गई टेंट सिटी में भी सिर्फ 26 फरवरी तक ही कॉटेजों की बुकिंग है। अधिकारियों का कहना है कि महाशिवरात्रि के बाद कोई बुकिंग नहीं ली गई। हालांकि, निजी टेंट सिटी बसाने वाले बुकिंग कर रहे हैं। महाशिवरात्रि के बाद भी एक हफ्ते तक इनके यहां कॉटेज मिलना कठिन है। 

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