वसीम रिजवी ने कहा कि धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें इतनी अच्छाइयां हैं, इंसानियत है कि हम समझते हैं कि इतनी किसी और धर्म में नहीं हैं।शिया वक्फ़ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सोमवार को गाजियाबाद के शिव शक्ति धाम स्थित डासना देवी मंदिर में सनातन धर्म ग्रहण कर लिया। यह प्रक्रिया यति नरसिंहानंद गिरि महाराज के माध्यम से धार्मिक रीति-रिवाज से पूर्ण हुई। वसीम रिज़वी ने सबसे पहले वैदिक मंत्रों के साथ मां काली की पूजा की और उसके बाद उनका शुद्धिकरण हुआ। उन्हें जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी नाम दिया गया।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है। जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया, तब यह मेरी मर्जी है कि मैं किस धर्म को स्वीकार करूं। सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है और उसमें इतनी अच्छाइयां हैं, इंसानियत है कि हम समझते हैं कि इतनी किसी और धर्म में नहीं हैं।
कोई धर्म नहीं है इस्लाम
उन्होंने कहा कि इस्लाम को हम धर्म समझते ही नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब हमें इस्लाम से निकाल दिया गया तो हर जुमे के बाद हमारा सर काटने के लिए कहा जाता है।

 

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