अयोध्या। प्रधानमंत्री की प्रस्तावित समीक्षा बैठक को लेकर ग्लोबल कंसलटेंट एजेंसी और अयोध्या विकास प्राधिकरण ने एक बड़ी रोजगार व तरक्की से जुड़ी आर्थिक योजना को भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया है।

रामनगरी के आउटर इलाके से होकर प्रस्तावित 65 किमी. रिंग रोड सिर्फ यातायात सुविधा ही नहीं देगा, बल्कि लखनऊ, गोरखपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, रायबरेली और गोंडा जाने वाले हाईवे से जहां-जहां जुड़ेगा, उन छह स्थानों पर भव्य सुविधायुक्त आर्थिक जोन विकसित होगा।

इससे इलाकों में तरक्की के साथ आठ लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का भी लक्ष्य तय किया गया है। लखनऊ-गोरखपुर हाईवे पर यह स्थान घाटमपुर, रायबरेली हाईवे पर मऊयदुवंशपुर, प्रयागराज हाईवे पर मैनुद्दीनपुर, आजगमगढ़ हाईवे पर दशरथ समाधि स्थल के निकट, गोंडा जनपद के कटरा के निकट व रौनाही के पास गोंडा जाने वाले नए पुल के निकट स्थान चिह्नित किए गए हैं।
इन सभी स्थानों को कामर्शियल जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। लक्ष्य यह है कि इन सभी स्थानों पर अप्रत्यक्ष रूप से आठ लाख लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। सभी स्थानों पर भव्य गेट के साथ धर्मशालाएं बनाई जाएगी।
इन छह इकोनामिक जोन पर लगभग 1800 कमरों का यात्री निवास बनाए जाने का लक्ष्य है। साथ ही इन स्थानों को व्यावसायिक दृष्टि से अयोध्या विकास प्राधिकरण विकसित करेगा।
इसमें हाईवे व रिंग रोड को क्रास करने वाले स्थान को पूरी तरह से कॉमर्शियल बनाया जाना है। इसमें बड़े कारोबारियों से लेकर लघु व सूक्ष्म उद्योगों को स्थापित करने के साथ छोटे-छोटे दुकानदारों के लिए भी स्थान निर्धारित किया जाएगा।
इस सबके अलावा प्राधिकरण अपनी आवासीय कॉलोनी भी विकसित करेगा। पीएम मोदी 25 जून से लेकर सप्ताह के भीतर किसी भी दिन यहां के आला अधिकारियों और ग्लोबल एजेंसी कनाडा की एलइए एसोसिएट, एलएंडटी व सीपी कुकरेजा समेत अयोध्या विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद लखनऊ, पर्यटन व संस्कृति विभाग के प्रमुख लोगों से वर्चुअल समीक्षा कर सकते हैं।
उनके साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी वर्चुअल जुड़ेंगे। इस दौरान विजन डॉक्यूमेंट का रोजगार से जुड़ा यह हिस्सा बेहद खास होगा। अयोध्या के विकास का विजन डॉक्यूमेंट बनकर तैयार है।
अयोध्या को सिर्फ विकसित ही नहीं किया जाना है, बल्कि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 12 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित है।
इसमें चार लाख लोगों को सीधे तौर पर नौकरियां दी जानी है, जबकि आठ लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से कारोबार व रोजगार से जोड़ा जाना है। इसके लिए विजन डॉक्यूमेेंट में पूरा खाका तैयार किया गया है।
आउटर रिंग रोड के जरिए अयोध्या की सबसे बड़ी समस्या कि भूमि की कमी को पूरा करने की तैयारी की गई है। इसमें कारोबारियों व लघु उद्योगों को स्थापित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
रिंग रोड अयोध्या के चारों ओर 65 किमी. की होगी। रिंग रोड के आसपास के इलाकों को दिल्ली की रोहिणी कॉलोनी के तर्ज पर विकसित किया जाएगा।
जिस स्थान पर रिंग रोड शहर के अंदर आने वाले हाईवे गोरखपुर-लखनऊ, आजमगढ़, प्रयागराज, रायबरेली सहित गोंडा व बस्ती के इलाके को क्रॉस करेगी।
उस स्थान को इकोनामिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। यह स्थान घाटमपुर, मऊयदुवंशपुर, मैनुद्दीनपुर, कटरा के नए पुल के निकट व रौनाही से गोंडा जाने वाले नए पुल के निकट इस स्थान को चिह्नित किया गया है।
अयोध्या में राममंदिर का निर्माण पूर्ण होने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या दर्शन-पूजन को आएंगे। इसके लिए विजन डॉक्यूमेंट में पूरी तरह से व्यवस्था का निर्धारण किया गया है। तीन लाख श्रद्धालु व पर्यटकों के प्रतिदिन आने के आधार पर पूरा खाका तैैयार किया जा रहा है।
प्रतिदिन तीन लाख लोगों के आने से अयोध्या में व्यापार व रोजगार भी बढ़ेगा। इसको सुनियोजित ढंग से किए जाने पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकते हैैं।
विजन डॉक्यूमेंट में रिंग रोड के इलाके को पूरी तरह से रोजगार व व्यापार से जोड़ने का सुझाव दिया गया है। इन क्षेत्रों में इनोवेशन, मीडिया, हेल्थ, पर्यटन, बिजनेस से जुड़े कार्यों की बात कही गई है।
अयोध्या के आउटर रिंग रोड पर छह इकोनामिक जोन विकसित किए जाने हैं। जहां से रिंग रोड हाईवे को क्रास करेगा, उस स्थान को व्यवसाय व रोजगार की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। यहां पर रोजगार व व्यापार की नई संभावनाएं विकसित होंगी। इसमें अप्रत्यक्ष रूप से आठ लाख लोगों को रोजगार दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।- विशाल सिंह, वीसी अयोध्या विकास प्राधिकरण
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