टेंट से निकालकर रामलला को जिस जगह विराजित किया गया, वह अस्थायी मंदिर है, लेकिन इससे भी सभी की आस्था जुड़ी है।

Ram Mandir: Confusion over the existence of the old temple of Ramlala

रामलला का नया और भव्य मंदिर बनकर तैयार होने के बाद पुराने मंदिर के अस्तित्व पर असमंजस है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अभी तक विराजमान रामलला के मौजूदा स्थान का भविष्य तय नहीं कर सका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टेंट से विग्रह को अपनी गोद में रखकर इसी अस्थायी मंदिर में विराजित किया था। भूमि पूजन के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहीं पर साष्टांग दंडवत किया था। 27 साल टेंट में रहने के बाद 25 मार्च 2020 को नवरात्र के पहले दिन विराजमान रामलला को फाइबर के अस्थायी मंदिर में शिफ्ट किया गया। तब से वह यहां पर 9.5 किलो के रजत सिंहासन पर अपने तीनों भाइयों के साथ विराजित हैं। यहीं पर रोजाना हजारों लोग उनके दर्शन कर धन्य होते हैं। यह प्रक्रिया फिलहाल अनवरत जारी है। 22 जनवरी को नए मंदिर में रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही विराजमान रामलला भी वहीं पर शिफ्ट हो जाएंगे। ऐसे में हर किसी के जेहन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि फिर मौजूदा अस्थायी मंदिर का क्या होगा। ऐसा इसलिए भी कि इस स्थान से देश के उन लाखों रामभक्तों की आस्था का जुड़ाव है, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में यहीं पर अपने आराध्य के दर्शन किए।

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