अयोध्या। रामनगरी में इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उल्लास दो दिन तक बिखरेगा। 16 अगस्त को राम मंदिर में कान्हा जन्म की बधाई गूंजेगी, वहीं मठ-मंदिरों में आज से ही अनुष्ठानों की शुरुआत हो रही है। रामनगर स्थित इॅस्कान मंदिर में भी 16 अगस्त को जन्माष्टमी महोत्सव की भव्य तैयारी चल रही है। गृहस्थ परंपरा के लोग 15 अगस्त को ही जन्माष्टमी का त्योहार मनाएंगे।

शहर के मंदिरों में झांकियों, झूलों और भजन-संकीर्तन की तैयारी चल रही है। रामलला के दरबार में कान्हा के जन्मोत्सव के लिए विशेष श्रृंगार, पुष्प सज्जा और भव्य झांकी सजाई जाएगी। जन्माष्टमी की रात 12 बजे मंदिर प्रांगण में ढोल-नगाड़ों और शंखध्वनि के बीच नंद के आनंद भयो के जयकारे गूंजेंगे। आज से ही मठ-मंदिरों में भागवत कथा, हरि नाम संकीर्तन आदि आयोजन शुरू हो जाएंगे। रामलला सहित कनक भवन, दशरथ महल, गोकुल भवन में 16 अगस्त को जन्माष्टमी का उल्लास बिखरेगा जबकि बृजमोहन कुंज व गुरु धाम में 15 अगस्त को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। गुरु धाम में बृहस्पतिवार से विभिन्न अनुष्ठानों का भी शुभारंभ हो जाएगा।

भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन की आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। 15 और 16 अगस्त की तारीख को लेकर असमंजस है कि जन्माष्टमी कब है। आचार्य प्रवीण शर्मा बताते हैं कि पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त की रात लगभग 11:48 बजे शुरू होगी और इसका समापन 16 अगस्त की रात 9:34 बजे होगा। ज्योतिषीय दृष्टि से देखें तो 16 अगस्त 2025 की मध्यरात्रि सबसे अधिक शुभ मानी जा रही है। इस दौरान अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्धि योग और निशिता काल जैसे सभी शुभ संयोग एक साथ बन रहे हैं।

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