अयोध्या। देश-दुनिया के रामभक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। राम मंदिर के तीनों तल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। शिखर का काम भी पूरा हो चुका है। दिसंबर 2025 तक मंदिर समेत अन्य प्रकल्पों का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है। राम मंदिर के तीनों तल बनकर तैयार हो गए हैं। पत्थरों का काम पूरा हो चुका है।

यह जानकारी मंगलवार को राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी। उन्होंने बताया कि अब राम मंदिर के आसपास सिर्फ दो हजार क्यूबिक फीट पत्थर और लगने बाकी हैं। पहले तल पर जल्द ही राम दरबार की भी स्थापना कर ली जाएगी। दिसंबर के आखिरी तक राम मंदिर का सारा काम पूरा हो जाएगा। अब परकोटा के निर्माण कार्यों पर ध्यान दिया जा रहा है।

नृपेंद्र ने बताया कि परकोटा के निर्माण का काम तेज किया जाएगा। परकोटा के छह मंदिरों के कलश का भी पूजन हो चुका है। 30 अप्रैल तक परकोटा के सभी छह मंदिरों पर कलश स्थापित कर दिया जाएगा। रामकथा संग्रहालय के निर्माण कार्य की भी समीक्षा की गई है। प्रयास है कि अगले तीन महीने में संग्रहालय की कम से कम पांच गैलरी तैयार हो जाए, जिससे श्रद्धालु उसका भी दर्शन कर सकें।

राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि सप्त मंडपम की सातों मूर्तियां अयोध्या पहुंच चुकी हैं। इन मूर्तियों को मंदिरों में स्थापित भी कर दिया गया है। सप्त मंडपम के मंदिरों में महर्षि वशिष्ठ, वाल्मीकि, विश्वामित्र, अगस्तय, निषाद राज, शबरी व माता अहिल्या की मूर्तियां हैं। इन सभी मूर्तियों की ऊंचाई साढ़े तीन फीट है। छह मूर्तियां बैठी हुई मुद्रा में बनाई गई हैं। निषाद राज की मूर्ति खड़ी मुद्रा में निर्मित की गई है। सप्त मंडपम के बीच कुंड का भी निर्माण पूरा कर लिया गया है।

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