अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन के बाद प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी काशी विद्वत परिषद की अहम जिम्मेदारी होगी। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा को भी न्यौता मिला है।

Baba Vishwanath's bail letter and mother Annapurna's chunri will also go to Ayodhya in the life consecration c

रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में काशीपुराधिपति और मां अन्नपूर्णा भी अयोध्या जाएंगी। बाबा विश्वनाथ के प्रतीक रूप में बेलपत्र और भस्म के साथ मां अन्नपूर्णा के प्रतीक रूप में मां की चुनरी व कुमकुम को अयोध्या भेजा जाएगा। इसकी जिम्मेदारी काशी विद्वत परिषद के अष्टमंडल को सौंपी गई है।      राममंदिर के भूमिपूजन के बाद प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी काशी विद्वत परिषद को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा को ले जाने का जिम्मा दिया गया है। इसके लिए काशी विद्वत परिषद के ज्योतिष, वेदांत और धर्मशास्त्र के विद्वानों का अष्टमंडल तैयार किया गया है। इसमें प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, प्रो. रामकिशोर त्रिपाठी, प्रो. रामचंद्र पांडेय, प्रो. विनय कुमार पांडेय, प्रो. चंद्रमौलि उपाध्याय, प्रो. रामनारायण द्विवेदी और प्रो. गोपबंधु मिश्र शामिल हैं। काशी विद्वत परिषद का यह अष्टमंडल 19 जनवरी को बाबा विश्वनाथ और मां अन्नपूर्णा की आज्ञा लेकर अयोध्या रवाना होगा। बाबा के प्रतीक स्वरूप में श्री काशी विश्वनाथ का बेलपत्र व भस्म और मां अन्नपूर्णा के प्रतीक स्वरूप अन्नपूर्णा मंदिर से मां की चुनरी व कुमकुम जाएगा।

प्राणप्रतिष्ठा के बाद नियमित होगा सुंदरकांड का पाठ

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद नियमित रूप से महर्षि वाल्मीकि कृत सुंदरकांड और गोस्वामी तुलसीकृत मानस के सुंदरकांड का पाठ राममंदिर में होगा। भगवान के बाल स्वरूप के विराजमान होने के कारण बालस्वरूप के संकीर्तन व चौपाइयों का पाठ होगा। ये परामर्श काशी विद्वत परिषद ने श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दिया है। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद काशी की शास्त्रार्थ परंपरा के अनुसार अयोध्या में भी शास्त्रार्थ कराया जाएगा।

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