गोरखपुर शहर के हर चौराहे पर सुबह से लेकर शाम तक रामधुन बजता रहा। आईटीएमएस के जरिए ‘प्रभु श्रीराम आ रहे, घर-घर दीप जलाओ’ बज रहा था तो वहीं दुकानों पर ‘राम सिया राम’, ‘राम आएंगे’, ‘मेरे घर राम आए हैं’ आदि भजन बजते रहे।

सोमवार का दिन अदभुत, अलौकिक व अमिस्मरणीय था। जिस वक्त अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी गोरक्षनगरी भी राममय हो गई। हर तरफ भगवा लहरा रहा था…जय श्रीराम के नारे और मंदिरों में घंटा-घड़ियाल के बीच शंख ध्वनि। शाम को दीपोत्सव और पटाखों से दिवाली मनाते लोगाें का उत्साह, उमंग और उल्लास इस बात की गवाही दे रहा थे कि मानो शहर में अवध से राम आए हैं।