सनातन एकता पदयात्रा मथुरा में अपने अंतिम पड़ाव की ओर रवाना हो चुकी है। पदयात्रा का वृंदावन पहुंचने पर रविवार को समापन होगा। इस दाैरान मथुरा में रूट डायवर्जन भी किया गया है। छटीकरा मार्ग पर वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।

अंतिम पड़ाव पर धीरेन्द्र शास्त्री ने दिलाया पंच प्रण का संकल्प
बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री की दस दिवसीय सनातन पद यात्रा के अंतिम पड़ाव पर बागेश्वर सरकार ने संत महंत, और धर्माचार्यों की मौजूदगी में लाखों पदयात्रियों को सनातन की रक्षा के पंच प्रण का संकल्प दिलाया। यात्रा का समापन ठाकुर श्री बांके बिहारी मंदिर के दर्शनों के साथ हुआ। दरअसल, सात नवंबर को दिल्ली के कात्यानी मंदिर से शुरू हुई सनातन पद यात्रा रविवार को अपने अंतिम पड़ाव स्थल पर पहुंची। दस दिवसीय इस यात्रा में करीब एक लाख से अधिक पदयात्रियों ने बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के नेतृत्व में डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी पैदल ही तय की।
संतों ने दिया पुनर्जागरण का संदेश
रविवार की सुबह वृन्दावन से नौ किलोमीटर दूर से शुरू पद यात्रा ने जैसे ही वृन्दावन मोड़ पर पहुंचना शुरू किया। पूरा क्षेत्र जय श्री राम और बांके बिहारी लाल की जय जय कार से गूंज उठा। फूलों की बारिश कर पदयात्रियों का जोरदार स्वागत किया गया। सुरक्षा के मद्देनजर अभेद सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई थी। वृन्दावन मोड़ पर चारधाम मंदिर मैदान में आयोजित धर्मसभा में देश भर से जुटे संत महंतो और धर्माचार्यों ने अपने उद्गार व्यक्त किए। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा कि यह हिंदुओं के पुनर्जागरण की यात्रा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या और काशी के बाद अब मथुरा की बारी है। महाराज जी ने कहा है जल्द ही धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा दिल्ली से कश्मीर की सनातन यात्रा शुरू की जाएगी ताकि कश्मीर में शांति और सौहार्द कायम हो सके।
बागेश्वर पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री ने समस्त पदयात्रियों और बृजवासियों का आभार जताते हुए कहा कि यह शक्ति की नगरी से भक्ति की नगरी की यात्रा थी। जिसमें सभी ने अपनी श्रद्धा और समर्पण से पूर्ण किया, लेकिन इसका उद्देश्य पूरा हुआ या नहीं यह देखना होगा। उन्होंने मौजूद लाखों लोगों को पंच प्रण का संकल्प दिलाते हुए कहा कि सभी संकल्प लें कि सभी हिन्दू जुड़े और जोड़ने का कार्य करेंगे। इसके अलावा हर गांव में सनातन यात्रा, हर घर धर्म ध्वजा लहराने, अवैध धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाने का प्रण लेना होगा।