पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि रामचरित मानस का अपमान एक जघन्य अपराध है। मानस का अपमान करने वाले व्यक्ति की देश की नागरिकता छीनकर उसे जेल में डाल देना चाहिए।

पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा है कि रामचरित मानस का अपमान एक जघन्य अपराध है। मानस का अपमान करने वाले व्यक्ति की देश की नागरिकता छीनकर उसे जेल में डाल देना चाहिए। पुरी शंकराचार्य ने ये बातें सोमवार को माघ मेला क्षेत्र के शिविर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहीं। पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती अगले दस दिनों तक माघ मेला में प्रवास करेंगे।
इस दौरान त्रिवेणी मार्ग स्थित शंकराचार्य के शिविर में रोजाना सुबह और शाम प्रवचन का आयोजन किया जाएगा।पिछले दिनों बिहार के शिक्षामंत्री चंद्रशेखर की ओर से रामचरित मानस पर दिए गए आपत्तिजनक बयान पर पुरी शंकराचार्य ने कहा कि भगवान श्रीराम ने भव्य राज्य की स्थापना की। अंग्रेजों का पूरा शासनकाल ही रामचरित मानस के संविधान पर चला। उसका अपमान बर्दाश्त योग्य नहीं है। पुरी शंकराचार्य ने कहा कि ऐसे व्यक्ति की भारत की नागरिकता छीन ली जानी चाहिए।