रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल में सिद्ध योगी रामकृष्ण परमहंस की 186वीं जयंती विविध कार्यक्रमों के बीच मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह मंगल आरती, ध्यान, पूजा, चंडी पाठ, भजन से हुई। सम्मेलन की अध्यक्षता महामंडलेश्वर भगवत स्वरूप महाराज ने की, इसमें जुटे संतों ने रामकृष्ण परमहंस के जीवन और विचारों को अनुकरणीय बताया। रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम कनखल के सचिव स्वामी दयामूर्त्यानंद महाराज ने सभी संतों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद के गुरु स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने अनेक सिद्धियां प्राप्त कर मानव सेवा के लिए कार्य किया। उनके विचार और उनका जीवन अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण परमहंस की साधना अलौकिक थी। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि रामकृष्ण परमहंस महापुरुष थे। महामंडलेश्वर अभ्यानंद सरस्वती ने कहा कि अंतकरण की शुद्धि के लिए सेवा सबसे बड़ा साधन है, जिसको साकार रूप रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम प्रदान कर रहा है।

कार्यक्रम में स्वामी डॉ. हरिहरानंद महाराज, महामंडलेश्वर शिवानंद सरस्वती, स्वामी परमात्म देव, स्वामी आनंद चैतन्य सरस्वती, रामेश्वरानंद सरस्वती, स्वामी प्रेमानंद गिरि, निर्मल अखाड़ा के कोठारी महंत जसविंदर सिंह शास्त्री, महंत गुरमीत सिंह, संतोष मुनि, जगदीश महाराज, महंत दुर्गादास आदि मौजूद रहे।

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