राज्य में जमीनों की रजिस्ट्री को लेकर भी नई प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। सो प्रदेश मंत्रिमंडल ने रजिस्ट्री कराने की वर्चुअल प्रक्रिया के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब लोगों को भूमि व अन्य संपत्ति की रजिस्ट्री कराने के लिए कार्यालय में आने की जरूरत नहीं होगी। नई व्यवस्था से कई फायदे होंगे। बुजुर्ग और बीमार लोग दफ्तर जाए बिना रजिस्ट्री करा सकेंगे, साथ ही रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। उप निबंधक कार्यालय में वीडियो केवाईसी के माध्यम से पक्षकारों के तथ्यों की जांच होगी। ई-साइन के माध्यम से यह प्रक्रिया पूरी होगी। इस प्रक्रिया के लागू होने से औद्योगिक निवेश को भी बल मिलेगा। पक्षकार विलेख की साइन कापी भी ऑनलाइन अपलोड हो सकेगी।वर्तमान में लेखपत्रों के निबंधन यानी रजिस्ट्री कराने के लिए कार्यालय में उपस्थित होकर बयान दर्ज कराने होते हैं। ऐसे में दूर रहने वाले लोगों के लिए दफ्तर आकर रजिस्ट्रेशन कराना संभव नहीं हो पाता। वर्चुअल रजिस्ट्रेशन से इस समस्या का समाधान हो जाएगा। वर्चुअल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी लिंक किया जाएगा, जिससे फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने राज्य को ऑनलाइन रजिस्ट्री, विवाह पंजीकरण, विवाह प्रमाण एवं लेखपत्रों की प्रमाणित प्रति निकालने, भार मुक्त प्रमाण व पंजीकृत लेख पत्रों की ई-सर्च करने के लिए आधार प्रमाणीकरण का ऐच्छिक रूप से प्रयोग करने की अनुमति दे दी है। इन कार्यों के सफल क्रियान्वयन के लिए स्टांप एवं निबंधन विभाग को ई-केवाईसी यूजर एजेंसी के रूप में अधिकृत किया जाएगा।

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