वृंदावन से गोकुल तक यमुना में ट्रैफिक संचालन का सपना साकार होने वाला है। इस परियोजना के लिए दो क्रूज संचालन के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने एनओसी दे दी है।

मथुरा में अगर सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले फरवरी माह में यमुना में वृंदावन से लेकर गोकुल तक जल परिवहन की परियोजना साकार हो जाएगी। इस परियोजना के लिए दो क्रूज संचालन के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने एनओसी दे दी है। यमुना में 400 सवारियों वाली क्षमता के दो क्रूज चलाए जाएंगे, जिनके लिए 40 करोड़ रुपये का टेंडर निकाला गया था। इसके अलावा आधा दर्जन से अधिक स्टीमर भी आएंगे। वृंदावन से गोकुल तक का यमुना जलमार्ग लगभग 22 किमी लंबा होगा, जहां पर्यटक क्रूज से कई स्थानों पर उतर और चढ़ सकते हैं। इस मार्ग में कुल 11 स्थानों पर टर्मिनल बनेंगे। इनमें जुगल घाट, विहार घाट, केशी घाट, देवरहा बाबा घाट, पानीगांव, कंसकिला, स्वामी घाट, विश्राम घाट, सुदर्शन घाट, गोकुल घाट और गोकुल बैराज पर टर्मिनल बनेंगे। वृंदावन-गोकुल जल मार्ग के चलन में आने के बाद सड़क परिवहन और जाम का दबाव कम हो जाएगा। यह जलमार्ग यात्री परिवहन का एक अतिरिक्त विकल्प तो होगा ही, साथ ही ब्रज की संस्कृति को और गहराई से जानने का एक जरिया भी बनेगा। प्राचीन और पारंपरिक यमुना घाटों का प्रत्यक्ष दर्शन श्रद्धालुओं को अलग ही अनुभूति दिलाएगा।