माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है।
Mauni Amavasya 2023: माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है। इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी को पड़ रही है। इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान करने पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन मौन व्रत रखने का विधान है। हालांकि गृहस्थ लोगों के लिए ऐसा कर पाना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में गृहस्थ लोग पूजा-पाठ करने के बाद अपना मौन व्रत खोल सकते हैं। इसके अलावा शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिए कुछ ऐसी कार्य बताए गए हैं, जिन्हें करने से आपको बचना चाहिए। आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में…
मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी न करें ये काम
मांस-मदिरा के सेवन से बचें
शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन मांस-मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन केवल सादा भोजन ही करें। साथ ही जितना हो सके मौन रहने की कोशिश करें।
झूठ बोलने से बचें
मौनी अमावस्या के दिन बोलने से बचना चाहिए। वैसे तो कहा जाता है कि किसी की भलाई के लिए बोला गया झूठ पाप नहीं माना जाता है। लेकिन मौनी अमावस्या के दिन किसी की भलाई के लिए भी झूठ न बोलें। इससे उल्टा प्रभाव आपके जीवन में पड़ने की संभावना रहती है।
देर तक सोने से बचें
धर्म शास्त्रों के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोने से बचना चाहिए। इस दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करें। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं, तो पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देवता को अर्घ्य जरूर दें। ध्यान रहे स्नान करने से पहले तक कुछ बोलें नहीं।
श्मशान के पास जाने से बचें
अमावस्या के दिन श्मसान घाट या फिर कब्रिस्तान के आसपास भी न जाएं। इसके अलावा अमावस्या के दिन रात में अधर-उधर न निकलें, क्योंकि उस रात में बुरी आत्माओं का वास होता है।
लड़ाई-झगड़ा करने से बचें
मौनी अमावस्या के दिन किसी से भी लड़ाई-झगड़ा न करें। साथ ही किसी को भूलकर भी कोई ऐसी बात न बोलें, जिससे सामने वाले को बुरा लगे।
पीपल की पूजा न करें
वैसे तो पीपल के पेड़ की पूजा करना शुभ माना जाता है। लेकिन मौनी अमावस्या के दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए। अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करना सही नहीं माना जाता है।