वाराणसी के श्री सतुआ बाबा गोशाला में आयोजित कथा के दाैरान भक्तगण दूरदराज से आए थे। शिवमहापुराण की कथा सुन भक्त विभोर हो गए। काशी की धरती पर हुई भगवान की लीलाओं का भी व्याख्यान किया गया।

Varanasi News name of Kashi enough give salvation said storyteller Pradeep Shiva resides pure heart

कथावाचक पं. प्रदीप मिश्र ने कहा कि सुगर, बीपी और खून नापने की मशीन आती है लेकिन भगवान के प्रति आपका कितना प्रेम है इसको नापने की कोई मशीन नहीं आती है। मन रूपी कुर्सी को साफ कर लीजिए, क्योंकि बाबा को बिठाना यहीं है। पार्वती ने शंकरजी से पूछा कि प्रभु आप असल में रहते कहां हैं। शिवजी ने जवाब दिया कि जो अपने मन को पवित्र करके मुझे दिल से निमंत्रण दे और दिल से एक लोटा जल समर्पित कर देता है मैं उसके हृदय में जाकर विराजमान हो जाता हूं। शिव को कहीं पर भी ढूंढ लो, शिव को पाने की कोई जगह है तो वह भक्त का हृदय है।वह बुधवार को श्री सतुआ बाबा गोशाला डोमरी में महामंडलेश्वर संतोष दास के सानिध्य में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का श्रवण करा रहे थे। कथा के पहले दिन दो लाख से अधिक श्रद्धालु कथा श्रवण करने पहुंचे। 

भक्तों ने किया नमन
कथावाचक प्रदीप मिश्र ने काशी की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि शिवमहापुराण की कथा कहती है कि काशी का नाम ही मुक्ति देने वाला है। जब यमराज के दरबार में भगवान चित्रगुप्त महाराज जीव से पूछेंगे कि तुमने कौन सा पुण्य किया और अगर गलती से भी जीव के मुख से काशी शब्द निकल जाए तो वह यमदूतों से कहेंगे इसे कैलाश छोड़ आओ। कितनी बार सृष्टि समाप्त हुई लेकिन पूरे भूमंडल पर काशी एक ऐसी धरती है जो कभी समाप्त नहीं होती है। 

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