मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए मां मनसा देवी मंदिर धर्मार्थ ट्रस्ट बनाकर श्रद्धालुओं से अवैध रूप से चंदा इकट्ठा करने का मामला सामने आया है। कूटरचना कर ट्रस्ट बनाने वाले नौ लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मुख्य आरोपी सुरेश तिवारी ट्रस्ट का कर्मचारी है।

पुलिस के मुताबिक मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल शर्मा ने बताया कि मां मनसा देवी ट्रस्ट वर्षों से चला आ रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी हैं। सुरेश तिवारी निवासी नई बस्ती ऋषिकुल, ठाकुर सिंह, वासू सिंह निवासीगण शिवलोक कालोनी, सुदामा शुक्ला निवासी अमरधाम जस्साराम रोड श्रवणनाथ नगर ने मिलकर निजी लाभ के लिए मां मनसा देवी ट्रस्ट को कब्जा कर मंदिर और ट्रस्ट को खुर्दबुर्द की फिराक में रहते हैं। इन्होंने मंदिर ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी रहे स्व. पं. अंबादत्त जोशी के हस्ताक्षरों की कूटरचना कर स्वयं को ट्रस्ट का स्वामी घोषित कराने का प्रयास किया था। लेकिन कोर्ट ने इनके दावे और लेख को झूठा एवं कूटरचित पते को निरस्त कर दिया था।आरोप है कि मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के नाम व राजाजी टाइगर रिजर्व हरिद्वार के पते का प्रयोग कर मां मनसा देवी ट्रस्ट के नाम से मिलते अवैध ट्रस्ट मां मनसा देवी मंदिर धर्मार्थ ट्रस्ट का 16 फरवरी 2021 में सब रजिस्ट्रार कार्यालय हरिद्वार में पंजीकरण करा लिया। जिसमें राजाजी टाइगर रिजर्व का क्षेत्र का पता दर्शाया गया है।
फर्जी ट्रस्ट बनाकर सुरेश तिवारी अध्यक्ष, वासु सिंह सचिव, अश्वनी शुक्ला कोषाध्यक्ष, आकाश शर्मा, विनोद चौधरी, हितेश राज पुरोहित, हिमांशु शर्मा सदस्य बनाए गए हैं। मनसा देवी मंदिर के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए श्रद्धालुओं से दान एकत्र करने की नियत से ये सब किया गया है।
नगर कोतवाली प्रभारी राकेंद्र सिंह कठैत ने बताया कि आरोपी सुरेश तिवारी, ठाकुर सिंह, सुदामा शुक्ला पुत्र, अश्वनी शुक्ला निवासी निर्मला छावनी, आकाश शर्मा निवासी रामघाट, विनोद चौधरी निवासी बूढ़ी माता मंदिर कनखल, हितेश राजपुरोहित के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना सहित संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

श्रीमहंत ने  ठाए सवाल
मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी ने कहा कि मुख्य आरोपी सुरेश तिवारी मनसा देवी मंदिर का कर्मचारी है। सभी आरोपियों के अलावा रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका भी संदेश के घेरे में है। श्रीमहंत ने कहा कि रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से दस्तावेेजों की जांच पड़ताल क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि ऐसे तो रजिस्ट्रार कार्यालय से भविष्य में दूसरे मंदिरों के नाम पर फर्जी ट्रस्ट बनाकर ठगी होगी।-TARUN HARIDWAR

By Tarun

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