नवरात्र के दूसरे दिन यानी सोमवार की सुबह से विंध्याचल धाम में भक्तों की कतार लग गई। माता के जयकारे से पूरा धाम गूंज उठा। भक्तों ने लाइन में लग कर मां का दर्शन- पूजन किया।

जगत कल्याणी मां विंध्यवासिनी की चौखट पर शीश नवाने सोमवार की सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन देवी धाम पहुंचे आस्थावानों ने दर्शन पूजन कर मंगल कामना की। भोर में दिव्य मंगला आरती और भव्य श्रृंगार पूजन उपरांत विंध्यवासिनी माता के अलौकिक स्वरूप का दर्शन कर भक्त निहाल हो उठे। देवी मंदिरों में सुबह से आदिशक्ति जगत जननी के जय जयकार गूंजते रहे।
चैत्र नवरात्र मेला के दूसरे दिन देश के कोने- कोने से आए भक्तों ने देवी दरबार में मत्था टेका। गंगा स्नान कर घंटों कतार में खड़े होने के उपरांत धाम पहुंचे श्रद्धालु माता के दिव्य स्वरूप का दर्शन कर निहाल हो उठे।
विंध्य दरबार में महिला, पुरुष और बच्चे माता की भक्ति में तल्लीन नजर आए। मंदिर पहुंचे श्रद्धालु माता की एक झलक पाने को बेताब दिखे। घंटा, घड़ियाल, शंख के साथ बजते नगाड़े की धुन के बीच पहाड़ावाली के जयघोष से संपूर्ण मंदिर परिसर गुंजायमान हो रहा था।