महाशिवरात्रि के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में खास तैयारियां की जा रही हैं। मुख्य कार्यपालक अधिकारी भक्तों की सहूलियत और सुविधाओं में लगे हुए हैं। इस बार बाबा के सबसे बड़े त्योहार पर पूरी रात मंदिर का गर्भगृह खुला रहेगा।

महाशिवरात्रि पर श्रीकाशी विश्वनाथ लगातार 46.30 घंटे तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। 26 फरवरी को अलसुबह 2.30 बजे मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए जाएंगे। इसके बाद 28 फरवरी की रात एक बजे तक बाबा श्रद्धालुओं को झांकी दर्शन होंगे। यानी बाबा विश्वनाथ 26 से 28 फरवरी के बीच सिर्फ डेढ़ घंटे विश्राम करेंगे। महाशिवरात्रि पर सप्तऋषि और शृंगार आरती नहीं होगी। इस बीच 26 फरवरी की रात आठ घंटे तक मंदिर परिसर में ही बाबा के विवाहोत्सव की रस्में निभाई जाएंगी। बाबा का शृंगार और पूजन होगा।
महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। 14 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। ऐसे में बाबा लगातार दो दिन तक श्रद्धालुओं को दर्शन देते रहेंगे। महाशिवरात्रि पर बाबा के शृंगार, पूजन और आरती में बदलाव किया गया है। पूरी रात मंदिर का गर्भगृह खुला रहेगा।
एक घंटे पहले निकलेगी अखाड़ों की पेशवाई
महाशिवरात्रि पर भीड़ को देखते हुए अखाड़ों की पेशवाई एक घंटे पहले निकलेगी। यानी सुबह छह की जगह पांच बजे ही पांच अखाड़े एक साथ श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचेंगे और दर्शन करेंगे। वह मंदिर में दो से तीन घंटे तक दर्शन करेंगे। दो और अखाड़े भी राजसी यात्रा के साथ मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे। मंदिर में इनके लिए अलग से लाइन लगाकर दर्शन करेंगे।