महाकुंभ में वाल्मीकि साधु अखाड़े में देश भर के दलित संत एकजुट होंगे। अखाड़े ने राजसी स्नान का अधिकार मांगा है। भूमि सुविधाएं बढ़ाने का प्रस्ताव भी दिया है।

दलित और कमजोर वर्ग के संतों को सम्मान दिलाने के लिए महाकुंभ में वाल्मीकि साधु अखाड़े की ओर से व्यापक पहल की जाएगी। इसके लिए वाल्मीकि अखाड़े की महर्षि वाल्मीकि संत समाज परिषद के साथ दिल्ली में हुई बैठक में महाकुंभ में शाही स्नान का अधिकार दिलाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके साथ ही भूमि-सुविधाओं में वृद्धि का भी प्रस्ताव रखा गया। पंचकुइयां, दिल्ली स्थित महर्षि वाल्मीकि मंदिर में वाल्मीकि साधु अखाड़े की बैठक में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और हरिद्वार के अलावा प्रदेश के भी दलित संत शामिल हुए। इस दौरान महाकुंभ में दलित चेतना के संतों को सम्मान दिलाने के साथ ही वाल्मीकि साधु अखाड़े के संतों को राजसी स्नान का अधिकार दिलाने की बात प्रमुखता से उठाई गई। भवानी नाथ ने कहा कि दलित संतों की उपेक्षा किसी भी दशा में बंद की जानी चाहिए। महाकुंभ में अनुसूचित जाति के संतों को एकजुट करने के लिए वर्ष 2019 के कुंभ में दलित अखाड़े का गठन किया गया। इस अखाड़े को नया नाम वाल्मीकि साधु अखाड़ा दिया गया।