श्री श्री ने कहा कि महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन है। यह पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है। पूरा देश एक साथ अपनी संस्कृतियों के साथ यहां पर पहुुंचा है।

आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने मौनी अमावस्या पर हुए हादसे में मारे जाने वालों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। सोशल मीडिया में वायरल हो रहे बाबा बागेश्वर धाम सरकार के महंत आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि संतों की भावनाओं को समझें, उनके शब्दों पर न जाएं। धीरेंद्र युवा संत हैं। संत किसी का अहित नहीं चाहता। संत कभी असंवेदनशील नहीं होता है। उसके दिल में सबके लिए एक समान करुणा और स्नेह होता है। जिन लोगों ने अपनों को खोया है उनके साथ पूरा देश खड़ा है। वह जल्द से जल्द सदमे में उबरें ऐसी हमारी प्रार्थना ईश्वर से है।
श्री श्री ने कहा कि महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन है। यह पूरी दुनिया के लिए एक संदेश है। पूरा देश एक साथ अपनी संस्कृतियों के साथ यहां पर पहुुंचा है। विदेशों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं। यह सनातन धर्म की शक्ति है। सरकार ने इसकी तैयारी में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। संगम तट पर मौनी अमावस्या की घटना के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं है।
साधना, सेवा और सत्संग का संगम
श्री श्री ने कहा कि महाकुंभ में इतने सारे संप्रदाय हैं, सब अपने तरीके से भजन, कीर्तन और पूजन कर रहे हैं। कोई किसी को रोक-टोक नहीं रहा है न ही कोई किसी पर कोई दबाव बना रहा है। पूरे विश्व के लिए यह महाकुंभ एक संदेश है। पूरे भारत के लोग यहां अनेकता में एकता का संदेश दे रहे हैं। विश्व के कई देश आज धर्म को लेकर आपस में लड़ रहे हैं और एक दूसरे को खत्म करने पर आमादा हैं। ऐसे लोगों को महाकुंभ से सीख लेनी चाहिए।
महाकुंभ में सिर्फ तीन नदियों का ही संगम नहीं है, बल्कि यहां पर साधना, सेवा और संत्संग का भी संगम है। इतने सारे संप्रदाय एक जगह अपने हिसाब से सत्संग कर रहे हैं। कोई किसी पर पत्थर नहीं फेंक रहा है। यहां सहिष्णुता का संगम है। यहां हम सभी संप्रदायों का आदर कर रहे हैं।