महंत दिनेंद्र दास शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी की अगुवाई वाली अखाड़ा परिषद को दिए समर्थन पत्र से मुकर गए। उनका कहना है कि रवींद्र पुरी और हरि गिरि के पक्ष में जारी किया गया समर्थन पत्र उनसे धोखे में लिखवाया गया था। उन्होंने उस समर्थन पत्र को निरस्त कर नए सिरे से निर्मोही अखाड़े के सचिव राजेंद्र दास के नेतृत्व में ही महाकुंभ कराने की घोषणा कर दी है।
महाकुंभ से पहले साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दोनों धड़ों में वर्चस्व को लेकर विवाद गहरा गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अखिल भारतीय श्रीपंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े (अयोध्या बैठक) के महंत दिनेंद्र दास शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी की अगुवाई वाली अखाड़ा परिषद को दिए समर्थन पत्र से मुकर गए। उनका कहना है कि रवींद्र पुरी और हरि गिरि के पक्ष में जारी किया गया समर्थन पत्र उनसे धोखे में लिखवाया गया था। उन्होंने उस समर्थन पत्र को निरस्त कर नए सिरे से निर्मोही अखाड़े के सचिव राजेंद्र दास के नेतृत्व में ही महाकुंभ कराने की घोषणा कर दी है।