351 साल बाद महाकुंभ में देश के सामने हिंदू आचार संहिता होगी। काशी विद्वत परिषद ने इसे तैयार किया है। कर्म और कर्तव्य प्रधान संहिता के लिए स्मृतियों को आधार बनाया गया है।

Hindu code of conduct will be in front of the country in Mahakumbh

351 वर्षों के बाद हिंदू आचार संहिता बनकर तैयार है। चार साल के अध्ययन, मंथन के बाद इसे काशी विद्वत परिषद और देशभर के विद्वानों की टीम ने बनाया है। इस पर प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ में शंकराचार्य और महामंडलेश्वर अंतिम मुहर लगाएंगे, फिर धर्माचार्य नई हिंदू आचार संहिता को स्वीकार करने का आग्रह देश की जनता से करेंगे। महाकुंभ 2025 में होगा। देश को एकसूत्र में पिरोने और सनातन धर्म को मजबूत करने के लिए हिंदू आचार संहिता तैयार की गई है। कर्म और कर्तव्य प्रधान हिंदू आचार संहिता के लिए स्मृतियों को आधार बनाया गया है। इसमें श्रीमद्भागवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों का अंश शामिल किया गया है। नई आचार संहिता तैयार करने की जिम्मेदारी काशी विद्वत परिषद को सौंपी गई थी। इसके लिए 70 विद्वानों की 11 टीम और तीन उप टीम बनाई गई थी। हर टीम में उत्तर और दक्षिण के पांच-पांच विद्वान सदस्यों को रखा गया था। टीम ने 40 बार से अधिक बैठक की है। मनु स्मृति, पराशर स्मृति और देवल स्मृति को भी आधार बनाया गया है।

षोडश संस्कारों को किया है सरल
हिंदू आचार संहिता में षोडश संस्कारों को सरल किया गया है। खासकर मृतक भोज के लिए न्यूनतम 16 की संख्या निर्धारित की गई है। अशौच के विधान का पालन करना होगा।

नहीं हो रहा था स्मृतियों का निर्माण
काल के अनुसार स्मृतियों का निर्माण हुआ। सबसे पहले मनु स्मृति, फिर पाराशर और इसके बाद देवल स्मृति का निर्माण हुआ। 351 सालों से स्मृतियों का निर्माण नहीं हो सका था।

पहली बार छापी जाएंगी एक लाख प्रतियां
महाकुंभ में वितरण के लिए पहली बार एक लाख प्रतियां हिंदू आचार संहिता की छापी जाएंगी। इसके बाद देश के हर शहर में 11 हजार प्रतियों का वितरण किया जाएगा।

महिलाओं को वेद अध्ययन व यज्ञ की अनुमति
हिंदू आचार संहिता में हिंदुओं को मंदिरों में बैठने, पूजन-अर्चन के लिए समान नियम बनाए गए हैं। महिलाओं को अशौचावस्था को छोड़कर वेद अध्ययन और यज्ञ करने की अनुमति दी गई है। प्री-वेडिंग जैसी कुरीतियों को हटाने के साथ ही रात्रि के विवाह को समाप्त करके दिन के विवाह को बढ़ावा दिया जाएगा।

भारतीय परंपरा के अनुसार, जन्मदिन मनाने पर जोर दिया गया है। घर वापसी की प्रकिया को आसान किया गया है। विधवा विवाह की व्यवस्था को भी इसमें शामिल किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand