महाकुंभ को लेकर प्रयागराज से लेकर काशी सहित पूरे देश में तैयारियां चल रही हैं। देश के मठ-मंदिरों के महंत सहित साधु-संत यहां पहुंचते हैं। यह सनातन परंपरा का सबसे बड़ा आयोजन भी माना जाता है, जिसमें साधुओं का जुटान होता है। महाकुंभ में साधु-संतों की जुटान होने लगी है। धर्मध्वज का रोहण हो चुका है। अब साधु-संत 22 दिसंबर को होने वाली पेशवाई की यात्रा की तैयारी में जुट गए हैं। इसमें देशभर से अखाड़ों के साधु-पहुंचेंगे। काशी में स्थापित आखाड़ों से पांच हजार से अधिक साधु-संत पैदल जाएंगे। पहला शाही स्नान 15 जनवरी को होगा।
अखाड़ा परिषद की विभिन्न शाखाओं की ओर से साधु-संत तैयारी में जुट गए हैं। अखाड़ों के कुंभ में नगर प्रवेश के बाद पिछले माह 23 नवंबर को धर्म ध्वजारोहण हुआ। अब अखाड़ों की ओर से करीब 15 किमी की पेशवाई यात्रा निकालने की तैयारी तेज हो गई है। जमुना नदी के पार से गाजेबाजे, हाथी-घोड़ा के साथ पेशवाई की शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें नागा साधु भी रहेंगे। काशी में मौजूद जूना अखाड़ा, पंचायती अखाड़ा, महानिर्वाणी अखाड़ा आदि के साधु-संत व महामंडलेश्वर पैदल ही जाएंगे। तीन पड़ाव पर रुकते हुए वहां पहुंचेंगे। जूना अखाड़ा के प्रेम जी महाराज ने बताया कि 14 दिसंबर को काशी से साधु-संत जाएंगे। वहां पेशवाई में शामिल होंगे। पहला स्नान 15 जनवरी मकर संक्रांति, दूसरा 29 जनवरी मौनी अमावस्या तथा अंतिम तीन फरवरी बसंत पंचमी को होगा।