प्रयागराज में महाकुंभ के अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी के बीच भेंटवार्ता हुई। दोनों संतों ने महाकुंभ के महत्व और इसके पीछे की भावना पर चर्चा की। महंत रविन्द्र पुरी ने कहा कि महाकुंभ सनातन धर्म की समृद्ध परंपराओं को जीवंत और जागृत रखने का एक अनूठा माध्यम है। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ धरती का एक दिव्य अनुष्ठान है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। कुंभ मेला मानवता की एक समग्र यात्रा का प्रतीक है। यह वह अवसर है जब सभी जातियों, धर्मों और पंथों के लोग एक साथ आते हैं और एकता, भाईचारे और शांति के मूल्यों को समर्पित रहते हैं। महाकुंभ देशों और दिलों को जोड़ने वाला उत्सव है और यह देश के संगम को बनाए रखने के लिए सबसे श्रेष्ठ आयोजन है।

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