गुलरिहा इलाके के बांसस्थान में स्थित बामंत माता मंदिर के पुजारी गूंगा दास (90) की रविवार रात मंदिर परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में जलकर मौत हो गई। सोमवार सुबह लोगों ने देखा तो सिर्फ सिर का कुछ हिस्सा ही शेष बचा था।

Priest burnt to death in temple premises in Gorakhpur

पुलिस को आशंका है कि अलाव की आग से जलकर उनकी मौत हुई होगी। उधर, गांव में हत्या कर जलाने की चर्चा है। बरामद कंकाल के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने के कारण पुलिस अब डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि पुजारी सुन और बोल नहीं सकते थे। ऐसे में माना जा रहा है कि जिस वक्त वह जले होंगे, शोर नहीं मचा पाए होंगे। इससे किसी को कुछ पता नहीं चल सका। चर्चा है कि बांसस्थान के बामंत माता मंदिर को लेकर एक व्यक्ति और ग्रामीणों के बीच पहले से विवाद चला आ रहा है। ग्रामीणों ने इसी विवाद में हत्या कर जलाने की आशंका जाहिर की है। पुलिस का कहना है कि पुजारी ठंड से बचने के लिए आग जलाकर सो गए थे, जिसकी चिंगारी से जलकर उनकी मौत हो गई।

जानकारी के मुताबिक, पुजारी गूंगा दास जंगल डुमरी नंबर दो के पूर्व प्रधान दिवंगत गोपाल जायसवाल के चाचा थे। वह कई साल पहले ही परिवार से अलग होकर बामंत माता मंदिर चले गए थे। वह मंदिर पर ही रहते थे। ग्रामीणों के मुताबिक, उन्होंने अपनी संपत्ति भी परिवार के अन्य लोगों को वरासत कर दी थी। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि परिवार में तो किसी तरह का विवाद नहीं था। कुछ दिनों पहले मंदिर की एक जमीन को लेकर एक व्यक्ति और ग्रामीणों के बीच विवाद जरूर हुआ था। इसी बीच उनकी रहस्यमय हाल में मौत हो गई, जिससे तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं। एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि पुजारी की मौत जलने से हुई है। मौके पर जाकर जांच की गई है। पता चला है कि रात में अलाव जलाए थे। इससे आग लगी और मौत हुई है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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