सीजेएम कोर्ट में 13 आरोपियों की रिमांड पर सुनवाई हुई, जिस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। उधर आशीष मिश्र के वकील अवधेश सिंह का कहना है कि जबरन धाराएं बढाई गई हैं

लखीमपुर खीरी तिकुनिया कांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे व मुख्य आरोपी आशीष मिश्र मोनू समेत सभी 13 आरोपियों पर दुर्घटना की धाराएं हटाकर हत्या की कोशिश व अंगभंग करने की धाराएं बढ़ाई गई हैं। मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में दाखिल हुए सभी 13 आरोपियों पर अदालत ने हत्या की कोशिश की, अंगभंग, शस्त्र के दुरुपयोग व शस्त्र अधिनियम की धारा बढ़ोतरी की है। इससे पहले जांच टीम ने सोमवार को अदालत में अर्जी दाखिल कर सभी आरोपियों पर दुर्घटना की धाराएं हटाकर हत्या के प्रयास और साजिश की धाराएं बढ़ाने के लिये अर्जी दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने सभी 13 आरोपियों को मंगलवार तलब किया था।

तिकुनिया कांड के 70 दिन बाद मामले की जांच कर रही टीम ने माना कि तीन अक्तूबर को हुआ खूनी संघर्ष दुर्घटना नहीं थी, बल्कि यह हत्या की सोची समझी साजिश थी। 70 दिन बाद सोमवार को जांच टीम की तरफ से सीजेएम अदालत में पेश हुए मुख्य विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर मुख्य आरोपी आशीष मिश्र समेत सभी 13 आरोपियों पर से दुर्घटना की धारा हटाने व हत्या की कोशिश समेत अन्य धाराएं बढ़ाने की अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने सभी 13 आरोपियों को मंगलवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था। मंगलवार दोपहर को कोर्ट में सभी आरोपियों के पेश होने के बाद सुनवाई के दौरान अदालत ने सभी 13 आरोपियों पर हत्या की कोशिश, शस्त्र के दुरुपयोग व शस्र अधिनियम की धारा को बढ़ाया है।

विवेचक की अर्जी पर अदालत ने बढ़ाईं गंभीर धाराएं
सोमवार को सीजेएम की अदालत में किसानों की हत्या मामले और 219 नंबर मुकदमे के विवेचक विद्याराम दिवाकर ने कोर्ट को बताया था कि यह उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए जान लेने की दुर्घटना का मामला नहीं है, बल्कि हत्या की सोची समझी साजिश है। विवेचक ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अदालत से दुर्घटना से जुड़ी धाराएं हटाकर सभी आरोपियों के एक राय होकर जानलेवा हमला करने और अंगभंग करने की धाराएं बढ़ाने की अपील की थी। मंगलवार को मामले में सुनवाई करते हुए सीजेएम चिंताराम ने जांच टीम को सभी आरोपियों के वारंट से दुर्घटना से जुड़ी आईपीसी की धाराएं को हटाकर हत्या की कोशिश, अंगभंग, शस्त्र दुरुपयोग व शस्त्र अधिनियम की धारा को बढ़ाने की अनुमति प्रदान की।

बचाव पक्ष के वकील के विरोध पर धारा 34 हटी
जांच टीम की तरफ से सीजेएम कोर्ट में सभी 13 आरोपियों पर 120 बी, 307, 34 और 326 की धाराएं बढ़ाने की अपील की गई थी। जिस पर सुनवाई के बाद बचाव पक्ष के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि वह जांच टीम की सारी बातें न मानें, क्योंकि जांच टीम ने धारा 34 बढ़ाने की बात कही है, जबकि पहले से ही 149 की धारा लगी हुई है। ऐसे में धारा 34 और 149 एक साथ नहीं लगाई जा सकती। उन्होंने शस्त्र के दुरुपयोग की धारा 3/25/30 काभी विरोध किया। जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने सभी 13 आरोपियों पर से दुर्घटना से जुड़ी आईपीसी की धाराएं 279, 338, 304ए को हटाकर हत्या की कोशिश की धारा 307, 326, शस्त्र दुरुपयोग 3/25/30 व शस्त्र अधिनियम की धारा 35 को बढ़ाने की अनुमति प्रदान की।

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