मंदिर प्रांगण में 115 वर्षों से जारी हरि कीर्तन परंपरा के अंतर्गत इस वर्ष राष्ट्रीय कीर्तनकार डॉ. अजय अपामार्जने की नौ दिवसीय कथा आयोजित की जा रही है। इसमें राम-कृष्ण-हरि कीर्तन और शिव भक्त नाभाग कथा का वर्णन किया गया। कीर्तन प्रतिदिन संध्या 5 से 6 बजे नवग्रह मंदिर परिसर में आयोजित हो रहा है। 

मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री महाकालेश्वर मन्दिर स्थित है। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को भारत के बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से प्रमुख एक माना जाता है। पुण्य सलीला शिप्रा तट पर स्थित उज्जैन प्राचीनकाल में उज्जयिनी के नाम से विख्यात था। इसे अवन्तिकापुरी भी कहते थे। यह स्थान हिन्दू धर्म की सात पवित्र पुरियों में से एक है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में शिवनवरात्रि का उत्सव बड़ी धूमधाम और उल्हास के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान भगवान श्री महाकालेश्वर 25 फरवरी 2025 तक अलग-अलग स्वरूपों में श्रद्धालुओं को दर्शन दे रहे है। 26 फरवरी को महाशिवरात्रि महापर्व मनाया जाएगा।

प्रतिदिन की भांति श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में आज कालो के काल बाबा महाकाल भस्म आरती के दौरान सूर्य, चंद्र और त्रिपुंड लगाकर श्रंगारित हुए। श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह 4 बजे हुई भस्मारती के दौरान बाबा महाकाल का पंचामृत पूजन अभिषेक कर आकर्षक स्वरूप में शृंगार किया गया। इस दौरान बाबा महाकाल को रुद्राक्ष की माला अर्पित की गई। इस शृंगार के बाद फिर उन्होंने भस्म रमाई। उसके बाद भक्तों ने इन दिव्य दर्शनों का लाभ लिया और जय श्री महाकाल का उद्घोष भी किया।

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