श्री पूर्णानंद खेल मैदान मुनिकीरेती में बृहस्पतिवार से प्रसिद्ध कथा वाचक मोरारी बापू की नौ दिवसीय रामकथा शुरू हुई। मोरारी बापू ने कहा कि भगवान राम की सभी चेष्टाएं धर्म, ज्ञान, नीति, शिक्षा, गुण, प्रभाव और तत्व रहस्य से भरी हुई हैं। उनका व्यवहार देवता, ऋषि, मुनि, मनुष्य, पक्षी, पशु आदि सभी के साथ ही प्रशंसनीय, अलौकिक और अतुलनीय है। भगवान राम की कोई भी चेष्टा ऐसी नहीं, जो कल्याणकारी न हो। रामकथा का उद्घाटन शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने संयुक्त रूप से किया। स्वामी चिदानंद सरस्वती ने मोरारी बापू को रुद्राक्ष का पौधा भेंटकर उत्तराखंड की धरती पर उनका अभिनंदन किया। मोरारी बापू ने कहा कि भारत देश धन्य है। यहां हमेशा से ही बेटियों का अपने पिता पर विशेष अधिकार होता है। कथा के केंद्र मानस ब्रह्म विचार के बारे में बापू ने कहा कि जहां आज हर जगह भ्रम जाल फैला है, उसके अंधकार को दूर करने में ब्रह्म विचार एक औषधि है। बापू ने सात सोपान रुपी सात विचारों बाल कांड से विवेक विचार, आरण्य कांड से वैराग्य विचार, सुंदर कांड से वियोग विचार, लंका कांड से विलास विचार आदि के बारे में बताया।