भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती पर समारोह का हुआ आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने विचार प्रस्तुत किए और उनके बलिदान को याद किया। कार्यक्रम में आए अतिथियों ने कहा जल जंगल जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत में बिरसा मुंडा का बलिदान प्रेरणा स्रोत है।

चकिया आदिवासी समाज के युग पुरुष और उल गुलान आंदोलन के जरिए ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध सशस्त्र संघर्ष के प्रणेता भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पखवाड़ा आदिवासी गौरव दिवस पर निर्भयदास के लक्ष्मी लान परिसर में मंगलवार को समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें विचार व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि जल जंगल जमीन के लिए अंग्रेजी हुकूमत में बिरसा मुंडा का बलिदान प्रेरणा स्रोत है। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय गोड़ ने कहा कि बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों की जमीन हड़पने और धर्मांतरण के लिए सशस्त्र संघर्ष का आह्वान किया। मात्र 25 वर्ष की आयु में अपने प्राणों का बलिदान किया। विधायक कैलाश आचार्य ने कहा कि बिरसा मुंडा ने अत्यंत कठिन परिस्थितियों में मजबूत अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध आदिवासियों का संगठित आंदोलन खड़ा किया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक है। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष काशीनाथ सिंह पूर्व चेयरमैन मुगलसराय संतोष खरवार, कार्यक्रम संयोजक रामनाथ खरवार, चेयरमैन गौरव श्रीवास्तव अनुसुचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष रामदुलारे गोंड, रमाशंकर खरवार एडवोकेट, डॉ केशव मूर्ति पटेल आदि मौजूद रहे।