पुजारी पं. महेश ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में तीन बार गुलाल आरती होती है। बसंत पंचमी पर्व पर संध्याकालीन आरती में गुलाल उड़ाकर वसंत ऋतु का अभिनंदन किया जाता है। इसके बाद होली और रंग पंचमी पर्व पर भगवान और भक्तों के बीच गुलाल उड़ाया जाता है।

Devotees played Holi with Baba Mahakal 40 day spring festival begins in Ujjain Hindi News

धार्मिक नगरी उज्जैन में बसंत पंचमी से बसंत पर्व की शुरुआत हुई। बसंत महोत्सव पर भगवान महाकाल और भक्तों के बीच जमकर गुलाल उड़ाया गया। भगवान की आरती में गुलाल उड़ाकर बसंत ऋतु का स्वागत किया गया। बुधवार सुबह महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया गया। वहीं शाम को मंदिर में जमकर गुलाल उड़ाया गया। महाकालेश्वर मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया कि सदियों से यहां यह परंपरा चली आ रही है। बसंत पंचमी पर संध्याकालीन और शयन आरती में भगवान के ऊपर गुलाल उड़ाया जाता है। वहीं नंदी देवता को चंदन से सराबोर किया गया। पुजारी पं. महेश पुजारी ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में वर्ष में तीन बार गुलाल आरती होती है। बसंत पंचमी पर्व पर संध्याकालीन आरती में गुलाल उड़ाकर वसंत ऋतु का अभिनंदन किया जाता है। इसके बाद होली और रंग पंचमी पर्व पर भगवान और भक्तों के बीच गुलाल उड़ाया जाता है। भक्त और भगवान के बीच गुलाल उड़ाने की इस परंपरा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग मंदिर आते हैं। वैष्णव मंदिरों में भी भगवान को गुलाल लगाकर बसंत उत्सव की शुरूआत हो गई है। इन मंदिरों में चालीस दिवसीय बसंत उत्सव मनाया जाएगा। प्रतिदिन भगवान का आकर्षक श्रृंगार कर गुलाल से होली खेली जाएगी।

 

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