बैरागी कैंप की बेशकीमती सरकारी जमीन पर आठ साल में चिह्नित किए गए अतिक्रमण तो प्रशासन की ओर से हटाए नहीं गए। अब दोबारा हुई पैमाइश में 14 और अतिक्रमण बढ़कर सामने आए हैं। तहसील प्रशासन की ओर से की गई पैमाइश की रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से कोर्ट को भेज दी गई है।
गंगा किनारे बैरागी कैंप क्षेत्र में सिंचाई विभाग की सैकड़ों बीघा जमीन है। जमीन पर अवैध रूप से कब्जे करके पक्के निर्माण खड़े कर लिए गए हैं। इन अवैध अतिक्रमण को हटाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन चल रहा है। हाईकोर्ट की ओर से जिला प्रशासन को पूर्व में चिह्नित में किए अतिक्रमण को सत्यापन करने के निर्देश दिए थे। इस पर जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय के निर्देश पर एसडीएम पूरण सिंह राणा ने छह अक्तूबर को तहसीलदार शालिनी मौर्य, सहायक नगर आयुक्त महेंद्र कुमार यादव, चकबंदी अधिकारी रुड़की अनिल कुमार, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता शिव कुमार कौशिक, सिंचाई खंड हरिद्वार के सहायक अभियंता राजीव सोनी को संयुक्त रूप से चिह्नित अतिक्रमण का सत्यापन करने के आदेश जारी किए थे। सत्यापन करने गई टीम को पहले दिन विरोध का सामना भी करना पड़ा था। पर बाद में सत्यापन और पैैमाइश का काम किया गया। अब संयुक्त पैमाइश के बाद जो रिपोर्ट सामने आई है, उसमें पूर्व में चिह्नित में किए गए अतिक्रमण से 14 और अधिक पाए गए हैं। जिससे सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों की संख्या 644 से बढ़कर 658 पहुंच गई है। संवाद
बैरागी कैंप में सरकारी जमीन पर हुए अतिक्रमण की संयुक्त रूप से की गई पैमाइश की रिपोर्ट जिलाधिकारी के माध्यम से कोर्ट में दायर कर दी गई है। अब जो आगे आदेश आएंगे, उनके अनुसार अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाएगी।
– शालिनी मौर्य, तहसीलदार, हरिद्वार