भारत में नवंबर की शुरुआत से ही हवा की गुणवत्ता में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। अब तक जो रिपोर्ट्स सामने आई हैं उसके मुताबिक, उत्तर भारत में इस वक्त प्रदूषण बढ़ने का सबसे बड़ा कारण पंजाब और हरियाणा में बड़ी संख्या में पराली जलाया जाना है। इस बीच गुरुवार को दिवाली के बाद दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में प्रदूषण बढ़ने के आंकड़ें जारी हुए हैं। दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में तो प्रदूषण की वजह से धुंध की चादर भी दिखी। हालांकि, यह हाल सिर्फ दिल्ली में पटाखे जलाए जाने की वजह से नहीं रहा, बल्कि चीन की राजधानी बीजिंग से लेकर पाकिस्तान के लाहौर तक एक्यूआई बेहद खराब स्तर पर है।
दुनियाभर के एयर क्वालिटी इंडेक्स पर निगरानी रखने वाली संस्था आईक्यू एयर (IQ Air) के आंकड़ों पर गौर करें, तो सामने आता है कि शुक्रवार को दिल्ली में एक्यूआई सबसे ऊंचे स्तर पर रहा। इसका औसत आंकड़ा 410 के करीब पहुंच गया। हालांकि, दिवाली के बावजूद दूसरे नंबर पर कोई भारतीय शहर नहीं, बल्कि चीन का बीजिंग रहा, जहां एक्यूआई 219 के करीब दर्ज किया गया है। इसी तरह तीसरे नंबर पर भी भारत का कोई शहर नहीं, बल्कि पाकिस्तान का लाहौर (एक्यूआई: 208) रहा।
सबसे खराब वायु गुणवत्ता वाले टॉप-10 शहरों पर नजर डाली जाए, तो भारत के तीन शहर इस लिस्ट में शामिल हैं। पहले नंबर पर दिल्ली के बाद भारत के किसी शहर का नाम लिस्ट में 7वें नंबर पर है। यह शहर है मुंबई, जहां एक्यूआई 169 दर्ज किया गया। इसके ठीक बाद कोलकाता 8वें नंबर पर है और यहां एक्यूआई 164 रहा।
उधर लिस्ट में चीन के तीन और पाकिस्तान के दो शहरों के नाम भी शामिल हैं। दूसरे नंबर पर बीजिंग, तो वहीं 6वें नंबर चीन के शेनयांग (एक्यूआई: 169) का नाम है। इसके बाद 9वें स्थान पर चीन का वुहान है, जहां एक्यूआई 157 रिकॉर्ड हुआ। पाकिस्तान से लाहौर (एक्यूआई: 208) लिस्ट में तीसरे नंबर पर है, जबकि कराची (एक्यूआई: 188) पांचवें स्थान पर है।
क्या हैं साफ हवा के मानक?
एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) को किसी क्षेत्र के एक क्यूबिक मीटर दायरे में हवा में पीएम-2.5 प्रदूषकों की मौजूदगी के आधार पर मापा जाता है। इसे कुल छह वर्गों में बांटा गया है…
1. इसमें सबसे पहले आता है एक्यूआई 0-50 तक। यानी हवा में पीएम 2.5 प्रदूषकों का स्तर प्रति क्यूबिक मीटर में 0 से 50 तक ही सीमित है। यह स्थिति आदर्श कही जाती है और इस स्तर के एक्यूआई वाले क्षेत्रों को प्रदूषण रहित कहा जाता है।
2. एक्यूआई 51-100 का मतलब है कि किसी क्षेत्र में हवा में प्रदूषकों की मौजूदगी है, लेकिन इससे स्वास्थ्य पर कोई खास नुकसान नहीं हो रहा। इस स्तर को मॉडरेट भी कहा जाता है।
3. एक्यूआई 101-150 का स्तर संवेदनशील वर्ग के लिए खतरनाक है। यानी जो लोग सांस संबंधी बीमारी या अस्थमा से जूझ रहे हैं। उनके लिए प्रदूषण का यह स्तर खराब कहा जाता है।
4. एक्यूआई 151-200 का स्तर अस्वस्थ के वर्ग में रखा जाता है। इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और सांस की बीमारियां भी पैदा होने का खतरा रहता है।
5. एक्यूआई 201-300 का मतलब किसी क्षेत्र में हवा का स्तर बेहद खराब है। इसे आपात स्थिति कहा जाता है और इसमें स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सरकार की तरफ से वॉर्निंग भी जारी की जाती है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए बाहर निकलने की भी एडवायजरी जारी होती है।
6. एक्यूआई 300+ का मतलब है कि हवा खतरनाक रूप से खराब है और लोगों को एक से ज्यादा स्वास्थ्य समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इस दौरान सभी लोगों को बाहर न निकलने की सलाह