मुंड माला पहनाकर बाबा महाकाल का शृंगार किया गया। उसके बाद भस्म रमाई गई। इस दिव्य स्वरूप के दर्शन हजारों भक्तों ने किए।

Ujjain Mahakal: Baba Mahakal wore Mundamala, devotees were delighted after seeing the divine form.

माघ कृष्ण पक्ष की दशमी सोमवार पर आज भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल का निराला स्वरूप देखने को मिला। त्रिपुंड, सूर्य, चंद्र और मुंडमाला धारण करने के बाद बाबा महाकाल ने मुकुट धारण किया और आभूषण भी पहने जिसने भी इस शृंगार को देखा देखते ही रह गया। इस दौरान पहले बाबा महाकाल का शृंगार किया गया। उसके बाद भस्म रमाई गई। इस दिव्य स्वरूप के दर्शन हजारों भक्तों ने किए।  विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर मे सोमवार सुबह हुई भस्म आरती के दौरान चार बजे मंदिर के पट खुलते ही मंदिर में सर्वप्रथम पुजारी और पुरोहितों के द्वारा भगवान श्री गणेश, माता पार्वती, कार्तिकेय और बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया। उसके बाद कपूर आरती की गई। उसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर फलों के रस से बने पंचामृत से किया गया। भगवान को सूर्य, चन्द्र अर्पित कर और मस्तक पर त्रिपुंड और आभूषण से शृंगारित करने के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर महानिवार्णी अखाड़े की ओर से बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की गई। भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को मुंडमाला के साथ मुकुट धारण करवाए गए। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शनों का लाभ लिया। पूरा मंदिर परिसर जय श्री महाकाल की गूंज से गुंजायमान हो गया।

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