हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए प्रत्येक द्वार पर तीन-तीन लाइनें बनाई जाएंगी, जिनमें रेलिंग लगाई जाएगी। श्रद्धालु दर्शन के बाद इन्हीं मार्गों से मंदिर से बाहर निकलेंगे।

वृंदावन में ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी की अहम बैठक शनिवार को मंदिर प्रांगण में संपन्न हुई। इसमें कई महत्तवपूर्ण निर्णय लिए गए। मंदिर में सेवायतों से लेकर मंदिर की दर्शन व्यवस्था में बडे़ बदलाव के फैसले लिए गए। इस मीटिंग के बाद सेवायतों के होश फख्ता हो गए हैं।
प्रवेश और निकास की व्यवस्था में बदलाव
बैठक की अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने की। बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) मुकेश मिश्रा, वर्तमान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विकास कुमार, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह तथा गोस्वामी राजभोग व शयन भोग समूह के सदस्यगण उपस्थित रहे। कमेटी द्वारा मंदिर के गेट नंबर 2 और 3 का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निर्णय लिया गया कि श्रद्धालुओं के प्रवेश के लिए प्रत्येक द्वार पर तीन-तीन लाइनें बनाई जाएंगी, जिनमें रेलिंग लगाई जाएगी। श्रद्धालु दर्शन के बाद इन्हीं मार्गों से मंदिर से बाहर निकलेंगे। इससे कुल छह लाइनों के माध्यम से दर्शन और निकास की प्रक्रिया सुगम और व्यवस्थित होगी।
आरक्षित दर्शन क्षेत्र में सख्ती
मंदिर परिसर में ऊपर खडे़ होकर दर्शन करने में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग आरक्षित दर्शन क्षेत्र बनाए गए हैं, लेकिन कोई भी किसी में चला जाता है। अब ऐसा नहीं होगा। समिति ने निर्देश दिए हैं कि महिला आरक्षित क्षेत्र में केवल महिलाएं ही रहें और पुरुष आरक्षित क्षेत्र में केवल पुरुष ही। इस व्यवस्था का पालन मंदिर प्रशासन और पुलिस द्वारा कड़ाई से कराया जाएगा।
सेवायत के छुटभैयों पर लगेगी पाबंदी
कमेटी के अध्यक्ष हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार की बैठक में यह भी सामने आया कि कई सेवायत गोस्वामी अपने साथ 10-15 सेवकों को लगाते हैं, जो श्रद्धालुओं से अवैध रूप से पैसे वसूलते हैं। इस पर सख्त रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। अब प्रत्येक सेवायत केवल एक या दो सेवकों को रख सकेगा और उनकी जानकारी समिति को देनी होगी। यह व्यवस्था 2-3 दिनों के भीतर लागू कर दी जाएगी।
वीआईपी दर्शन पर्ची अब नहीं चलेगी
अध्यक्ष ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण निर्णय के तहत मंदिर में वीआईपी दर्शन पर्ची व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। हालांकि वीआईपी प्रोटोकॉल व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी। इसका उद्देश्य दर्शन को निष्पक्ष और व्यवस्थित बनाना है, ताकि हर श्रद्धालु को समान अवसर मिले। अध्यक्ष ने बताया कि वीआईपी पर्ची के नाम अवैधानिक वसूली हो रही थी, जो अब बंद करनी होगी। ऐसा लगता है कि पिछली प्रबंध समिति से मिलीभगत करके यह चल रहा था। यह पता लगा है कि एक दिन में करीब 1000-1200 पर्चियां निकल रही थीं।